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तीन वर्ष पूर्व आर्थिक अपराध के चंगुल में फंसे थे एक आरटीओ

कैमूर। जीटी रोड पर अवैध कमाई का खेल पुराना है। इस खेल में खिलाड़ियों की संख्या निर्धाि

By Edited By: Published: Fri, 18 Mar 2016 11:02 AM (IST)Updated: Fri, 18 Mar 2016 11:02 AM (IST)
तीन वर्ष पूर्व आर्थिक अपराध के चंगुल में फंसे थे एक आरटीओ

कैमूर। जीटी रोड पर अवैध कमाई का खेल पुराना है। इस खेल में खिलाड़ियों की संख्या निर्धारित नहीं है। इसमें बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेने वाले विभागीय पदाधिकारियों का खासम खास होता है। इस खेल में पदाधिकारियों के साथ कई इंट्री माफिया व सफेद पोश शामिल है। ज्ञात हो कि 20 फरवरी 2013 को आर्थिक अपराध इकाई की टीम ने चेक पोस्ट पर तैनात आरटीओ को पकड़ा था। आर्थिक अपराध इकाई का जब खेल शुरू हुआ तो उनके कमाई का राज खुला। तब लोग हैरान रह गये थे। मो. युनुस खां एक ऐसा नाम था जिससे परिवहन से जुड़े हर लोग वाकिफ थे। नौकरी का ज्यादा समय उन्होंने मोहनियां में ही गुजारा था। होटल में ठहराव, गुर्गो के साथ जीटी रोड पर ट्रकों की जांच, चेक पोस्ट का प्रभार यह सब कुछ उनके प्रभाव को दर्शाता था। 1990 में मोतिहारी में तैनाती के दौरान वाहनों के फर्जी प्रमाण पत्र बनाने के खेल के खुलासा होने के बाद मो. युनूस खां को जेल की हवा खानी पड़ी थी। इसके बावजूद अपने प्रभाव से वे मोहनियां में लगातार काफी दिनों तक आरटीओ व चेक पोस्ट के प्रभारी के रूप में कार्यरत रहे। जांच में आर्थिक अपराध इकाई ने मो. युनूस खां के पैतृक आवास से साढ़े तीन लाख नकद, आधा किलो से अधिक सोने के आभूषण व हथियार उनके सिनेमा हाल से 57.46 लाख रुपए, 40 जमीनों के दस्तावेज, 34 वाहनों के कागजात, डीपीएस स्कूल से तीन लाख रुपए, दौ मैजिक वाहन एवं एक सीटी राइड बस बरामद किया गया था। उनका टीचर ट्रेनिंग कालेज तथा फुलवारीशरीफ पटना के हारूण नगर में चार मंजिला मकान भी मिला था। आर्थिक अपराध इकाई ने मो. युनूस खां को मोहनियां के एक होटल से दबोचा था।


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