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ग्राम भारती बालिका विद्यापीठ की विश्वविद्यालय की टीम ने की जांच

सरकार द्वारा मान्यता समाप्त करने के बाद विश्वविद्यालय की टीम ने ग्राम भारती बालिका विद्यापीठ की जांच की। तीन सदस्यीय टीम ने राज्य सरकार से बालिका विद्यापीठ को स्नातक की संबद्धता दिलाने की दिशा में जरुरी शर्तों का मुआयना किया। टीम के पदाधिकारियों ने विधायक अशोक कुमार सिंह व प्राचार्या सीतामणी त्रिपाठी से भी घंटों मंथन किया। टीम के कन्वेनर व एसपी जैन कॉलेज सासाराम के प्राचार्य प्रो. गुरुचरण सिंह सिनेटर शरतचंद्र संतोष व डॉ. विनोद सिंह ने कॉलेज की आधारभूत संरचना व अन्य संसाधनों का भी जायजा लिया। टीम ने पांच एकड़ जमीन इंटर व स्नातक में अलग अलग शिक्षकों की नियुक्ति सहित अन्य पहलुओं की भी जांच की। टीम के जायजा लेने से बालिका विद्यापीठ को स्नातक में सरकार से मान्यता मिलने के आसार प्रबल हो गए हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 15 Oct 2019 11:12 PM (IST)Updated: Wed, 16 Oct 2019 06:16 AM (IST)
ग्राम भारती बालिका विद्यापीठ की विश्वविद्यालय की टीम ने की जांच
ग्राम भारती बालिका विद्यापीठ की विश्वविद्यालय की टीम ने की जांच

सरकार द्वारा मान्यता समाप्त करने के बाद विश्वविद्यालय की टीम ने ग्राम भारती बालिका विद्यापीठ की जांच की। तीन सदस्यीय टीम ने राज्य सरकार से बालिका विद्यापीठ को स्नातक की संबद्धता दिलाने की दिशा में जरुरी शर्तों का मुआयना किया। टीम के पदाधिकारियों ने विधायक अशोक कुमार सिंह व प्राचार्या सीतामणी त्रिपाठी से भी घंटों मंथन किया। टीम के कन्वेनर व एसपी जैन कॉलेज सासाराम के प्राचार्य प्रो. गुरुचरण सिंह, सिनेटर शरतचंद्र संतोष व डॉ. विनोद सिंह ने कॉलेज की आधारभूत संरचना व अन्य संसाधनों का भी जायजा लिया।

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टीम ने पांच एकड़ जमीन इंटर व स्नातक में अलग अलग शिक्षकों की नियुक्ति सहित अन्य पहलुओं की भी जांच की। टीम के जायजा लेने से बालिका विद्यापीठ को स्नातक में सरकार से मान्यता मिलने के आसार प्रबल हो गए हैं।

बता दें कि स्नातक में बालिका विद्यापीठ की मान्यता चालू वर्ष में खत्म हो गई। इससे स्नातक में छात्राओं का नामांकन नहीं हो सका। प्राचार्या सीतामणी त्रिपाठी ने बताया कि वर्ष 2012 में विश्वविद्यालय ने राज्य सरकार से संबद्धता प्राप्त करने के लिए प्रस्ताव भेजा था। लेकिन संबद्धता नहीं मिली। बाद में हाईकोर्ट के निर्देश पर संबद्धता का मामला लटक गया। सीनेट व सिडिकेट से संबद्धता का प्रस्ताव पारित भी नहीं था। इसके अलावे तमाम तकनीकी खामियां थी। बहरहाल सारे दस्तावेज को तैयार कर भेजा जा रहा है। कवायद चल रही है। टीम के सदस्यों ने कॉलेज की शिक्षिकाओं से भी विचार विमर्श किया।

उल्लेखनीय है कि इस महिला कॉलेज के भवन का उद्घाटन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा किया गया था। मुख्यमंत्री कॉलेज की आधारभूत संरचना से प्रभावित हुए थे और इसकी व्यवस्था की सराहना भी की थी। लेकिन, अचानक संबद्धता खत्म हो जाने से छात्राओं को स्नातक में नामांकन के लिए भटकना पड़ा। फिलहाल जीबी कॉलेज से इस बालिका विद्यापीठ को टैग कर छात्राओं का भविष्य संवारने की कोशिश जारी है।


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