बदलते मौसम में रहें मच्छरों से सावधान
मच्छर जनित रोगों में डेंगू अति गंभीर रोगों की श्रेणी में आता है।
कैमूर। मच्छर जनित रोगों में डेंगू अति गंभीर रोगों की श्रेणी में आता है। इसलिए डेंगू के प्रति सामुदायिक जागरूकता बढ़ाना और लोगों को साफ सफाई के महत्व के बारे में जागरूक करने के लिए स्वास्थ्य विभाग निरंतर प्रयासरत है। बरसात के मौसम में जगह जगह जलजमाव ने विभाग के सामने चुनौतियां पेश की हैं और स्वास्थ्य विभाग ऐसी जगहों पर दवा का छिड़काव कर रहा है। स्वच्छता का ध्यान रखकर एवं कुछ सावधानियां अपनाकर डेंगू के प्रकोप से स्वयं को बचाया जा सकता है।
मच्छरों से रहें सावधान:
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. अशोक कुमार सिंह ने बताया कि डेंगू एवं चिकनगुनिया की बीमारी संक्रमित एडीएस मच्छर के काटने से होती है। यह मच्छर सामान्यत: दिन में काटता है एवं यह स्थिर पानी में पनपता है। डेंगू का असर शरीर में 3 से 9 दिनों तक रहता है। इससे शरीर में अत्यधिक कमजोरी आ जाती है और शरीर में प्लेटलेट्स लगातार गिरने लगता है। वहीं चिकनगुनिया का असर शरीर में तीन माह तक होती है। गंभीर स्थिति में यह छह माह तक रह सकती है। डेंगू एवं चिकनगुनिया के लक्षण तकरीबन एक जैसे ही होते हैं।
साफ पानी में पनपता है डेंगू का मच्छर:
चिकित्सक ने बताया कि ऐडीज नामक मच्छर के काटने से डेंगू बुखार होता है। यह मच्छर साफ पानी में पनपता है जो ज्यादातर दिन में ही काटता है। डेंगू को हड्डी तोड़ बुखार भी कहा जाता है। 3 से 7 दिन तक लगातार बुखार, तेज सर में दर्द, पैरों के जोड़ों मे तेज दर्द, आंख के पीछे तेज दर्द, चक्कर एवं उल्टी, शरीर पर लाल धब्बे आना एवं कुछ मामलों में आंतरिक एवं बाह्य रक्त स्त्राव होना डेंगू के लक्ष्ण में शामिल है। डेंगू का कोई सटीक इलाज तो उपलब्ध नहीं है पर कुशल प्रबंधन एवं चिकित्सकों की निगरानी से डेंगू को जान लेवा होने से बचाया जा सकता है। इसलिए जरुरी है कि डेंगू के लक्षण दिखाई देने पर चिकित्सकीय सलाह ली जाए। साथ ही बिना चिकित्सकीय सलाह के बुखार की दवा खाना खतरनाक हो सकता है।
तीन प्रकार के होते हैं डेंगू:
चिकित्सक ने बताया कि डेंगू मुख्यत: तीन प्रकार के होते हैं। साधारण डेंगू, डेंगू हैमरेजिक बुखार एवं डेंगूशॉक सिड्रोम, •ा्यादातर लोगों को साधारण डेंगू ही होता है जो कुछ परहेज करने से ठीक हो जाता है। डेंगूहैमरेजिक बुखार एवं डेंगूशॉकसिड्रोम गंभीर श्रेणी मे आते हैं। यदि इनका शीघ्र इलाज शुरू नहीं किया जाए तो यह जानलेवा भी हो सकता है। डेंगूहैमरेजिक बुखार एवं डेंगूशॉकसिड्रोम में मरीजों के उपचार के लिए रक्तचाप एवं शरीर में खून के स्त्राव का निरीक्षण करना जरुरी होता है। डॉ. सिंह ने बताया एक प्रतिशत डेंगू ही जानलेवा है, लेकिन बेहतर प्रबंधन के आभाव में डेंगू 50 प्रतिशत तक खतरनाक हो सकता है।
ऐसे करें बचाव:
घर में साफ सफाई पर ध्यान रखें , कूलर एवं गमले का पानी रोज बदलें
सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें, मच्छर भागने वाली क्रीम का इस्तेमाल दिन में करें
पूरे शरीर को ढंकने वाले कपडे पहने एवं कमरों की साफ-सफाई के साथ उसे हवादार रखें
आस-पास गंदगी जमा नहीं होने दें, जमा पानी एवं गंदगी पर कीटनाशक का प्रयोग करें
खाली बर्तन एवं समानों में पानी जमा नहीं होने दें, जमे हुए पानी में मिट्टी का तेल डालें
डेंगू के लक्षण मिलने पर तुरंत ही नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में संपर्क करें