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सात कमरों में बैठ शिक्षा ग्रहण कर रहे 1807 विद्यार्थी

प्रखंड क्षेत्र के हाटा में स्थित श्री श्री 108 स्वामी आत्मा विवेकानंद जी महाराज परमहंस प्लस टू प्रोजेक्ट उच्च विद्यालय का हाल काफी खराब है। इसमें नामांकित छात्र-छात्राओं को किस परेशानी में विद्यालय में शिक्षा ग्रहण करना पड़ रहा है यह विद्यालय की समस्याओं को देख कर सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 23 Jan 2019 10:00 PM (IST)Updated: Wed, 23 Jan 2019 10:00 PM (IST)
सात कमरों में बैठ शिक्षा ग्रहण कर रहे 1807 विद्यार्थी
सात कमरों में बैठ शिक्षा ग्रहण कर रहे 1807 विद्यार्थी

प्रखंड क्षेत्र के हाटा में स्थित श्री श्री 108 स्वामी आत्मा विवेकानंद जी महाराज परमहंस प्लस टू प्रोजेक्ट उच्च विद्यालय का हाल काफी खराब है। इसमें नामांकित छात्र-छात्राओं को किस परेशानी में विद्यालय में शिक्षा ग्रहण करना पड़ रहा है यह विद्यालय की समस्याओं को देख कर सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। न भवन ठीक, न बैठने की समुचित व्यवस्था, न सभी विषयों में शिक्षक। विद्यालय में कुल 1807 छात्र-छात्राएं नामांकित हैं। इनके बैठने के लिए मात्र सात कमरे हैं। इन कमरों में छात्र-छात्राओं के लिए लगाए गए बेंच भी पर्याप्त नहीं है। जिसके चलते एक बेंच पर छह-सात छात्र-छात्राओं को बैठ कर शिक्षा ग्रहण करनी पड़ रही है। एक बेंच पर छह-सात छात्र-छात्राओं को बैठने से उन्हें परेशानी होती है। विद्यालय में शिक्षकों की संख्या भी काफी कम है। 13 शिक्षकों के सहारे ही विद्यालय में अध्यापन का कार्य चल रहा है। जिसमें दो शिक्षिकाओं में एक अवकाश पर है और दूसरी अधौरा छात्रावास में प्रतिनियुक्त हैं। यानी वर्तमान में 11 शिक्षकों के सहारे ही विद्यालय में बच्चों को पढ़ाया जा रहा है। प्लस टू में बायोलॉजी को छोड़ गणित, भौतिकी, रसायनशास्त्र व अंग्रेजी के शिक्षक नहीं है। वहीं कला संकाय में भूगोल, मनो विज्ञान, और अर्थ शास्त्र के शिक्षक नहीं हैं। विद्यालय में क्लर्क की कमी है। जिसके चलते शिक्षकों को ही क्लर्क का कार्य करना पड़ता है। विद्यालय में कंप्यूटर तो हैं लेकिन शिक्षक नहीं है। जिसके चलते सभी कंप्यूटर शो-पीस बन कर रह गया है। विद्यालय का पुराना भवन पूरी तरह जर्जर है। जिसके चलते यहां बच्चों को नहीं बैठाया जाता। विद्यालय में चार चापाकल लगाए गए हैं। लेकिन दो चापाकल कई महीनों से खराब है। शौचालयों की कमी भी है। इस संबंध में प्रभारी प्रधानाध्यापक रमेश कुमार ¨सह द्वारा जिला कार्यालय को कई बार आवेदन दिया गया। लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी।

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