विश्व पर्यावरण दिवस पर रामगढ़ के विद्यालयों को हरा भरा करने का संकल्प
कोरोना को लेकर लॉकडाउन के कारण भले ही विश्व पर्यावरण दिवस पर विविध कार्यक्रम आयोजित नहीं हुए।
कैमूर। कोरोना को लेकर लॉकडाउन के कारण भले ही विश्व पर्यावरण दिवस पर विविध कार्यक्रम आयोजित नहीं हुए। लेकिन विद्यालयों में पौधारोपण का कार्य शिक्षकों द्वारा किया गया। पर्यावरण को संरक्षित रखने तथा हरा भरा कैमूर बनाने के लिए शिक्षक से लेकर बच्चों ने संकल्प के साथ पौधा लगाया। प्रखंड के डहरक मध्य विद्यालय में बृहद पैमाने पर पौधा शिक्षकों के द्वारा लगाया गया। जहां कई विद्यालय के शिक्षक भी मौजूद होकर अपने हांथो से पौधा लगा पर्यावरण के प्रति अपनी जिज्ञासा प्रस्तुत किया। विद्यालय के एचएम हरिदास शर्मा की अगुवाई में विद्यालय में फलदार, छायादार तथा खुशबूदार पौधे लगाए गए। इस हरित विद्यालय में घास की कटिग कर विश्व पर्यावरण दिवस का श्लोगन धरती पर बनाकर एक अलग ही मिशाल प्रस्तुत किया गया। डहरक विद्यालय में फलदार पौधा चिकु, छायादार महोगनी, गोल्डमोहर, अशोक, नारियल व सुगंधित पौधे भी लगाए गए। एचएम हरिदास शर्मा ने कहा कि पेड़ ही जिदगानी है। जैसे मनुष्य बिना आक्सीजन के जीवित नहीं रह सकता वैसे ही प्रकृति को बगैर पेड़ पौधे के नहीं बचाया जा सकता। जब जीवन को बचाना है तो एक पेड़ लगाना है। शिक्षक संघ के नेता कमलेश शर्मा ने कहा कि पूरी दुनियां ग्लोबलाइजेशन के दौर से गुजर रही है। प्रदूषण से निजात तभी लोगों को मिल सकती है जब हम सभी पेड़ पौधों से नाता रखेंगे। ऐसी स्थिति में खेत से लेकर मेड़ तक पौधारोपण करने की आवश्यकता है। शिक्षक विजय कुमार ने कहा कि बदलते हुए परिवेश में बगैर पर्यावरण के किसी भी विपरीत परिस्थिति में विजय प्राप्त करना मुश्किल होगा।
जदयू के जिला प्रवक्ता सत्यप्रकाश तिवारी ने अपने घरों की छत पर खुशबूदार पौधा लगा पर्यावरण के प्रति जागरूकता दिखाया तथा कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की दूरदर्शी सोच का यह नतीजा है कि बिहार आज हरा भरा हो रहा है। इसके अलावा अन्य जगहों पर भी लोगों ने अपने अपने तरीके से पेड़ पौधे लगाकर पर्यावरण संरक्षण के प्रति संकल्प लिया। स्कूली बच्चे जशिका कुमारी व जसप्रीत ने भी इस विश्व पर्यावरण के मौके पर पौधारोपण किया तथा पर्यावरण के प्रति लोगों की सोंच बदलने की नसीहत दी।