अकोढ़ी में श्रीराम कथा का रसपान कर रहे श्रद्धालु
प्रखंड क्षेत्र के हनुमानगढ़ी अकोढ़ी में भक्ति रस की बह रही गंगा में श्रद्धालु डुबकी लगा रहे हैं। सात दिवसीय संगीतमय कथा के पांचवें दिन भगवान के जन्म का प्रसंग सुन श्रद्धालु निहाल हो रहे हैं। कथा वाचक संत राहुल जी महाराज ने श्रीराम जन्म की मनोहारी कथा सुना भक्तों को आनंदमयी बना दिया।
प्रखंड क्षेत्र के हनुमानगढ़ी अकोढ़ी में भक्ति रस की बह रही गंगा में श्रद्धालु डुबकी लगा रहे हैं। सात दिवसीय संगीतमय कथा के पांचवें दिन भगवान के जन्म का प्रसंग सुन श्रद्धालु निहाल हो रहे हैं। कथा वाचक संत राहुल जी महाराज ने श्रीराम जन्म की मनोहारी कथा सुना भक्तों को आनंदमयी बना दिया। श्रीराम जन्मोत्सव के मौके पर भये प्रगट कृपाला, दीनदयाला, कौशल्या हितकारी भजन की संगीतमय प्रस्तुति पर श्रद्धालु भावविभोर हो उठे। इस दौरान राहुल महाराज ने कहा कि जब भगवान श्रीराम का प्राकट्य हुआ तो धरती और प्रकृति मुस्कुराने लगी। संत, महात्मा व सज्जन प्रफुल्लित हो गए। सब यह सोचकर हर्षित हो गए कि अब धरती पर अनाचार व अत्याचार का समूल नाश होगा। इधर महाराज दशरथ के महल समेत समूचे अयोध्या में बधाइयां बजने लगी। नगर में खुशियों का आकाश सिमट गया। माता कौशल्या की खुशी का ठिकाना न रहा। वे भगवान की जननी जो बन गई थी। उधर कैकेयी के भरत और सुमित्रा के लक्ष्मण व शत्रुघ्न के जन्म से चौथे पन में महाराज दशरथ चार लाल पाकर गदगद हो गए। राहुल महाराज ने कहा कि प्रभु श्रीराम का गुणगान करने से मानव जीवन समस्त बाधाओं से मुक्त हो जाता है। इसके पहले राधेश्याम तिवारी ने भी रामकथा सुनाई। संचालन रामचरित मानस के विद्वान रामप्रवेश ¨सह ने किया। आयोजक रामाश्रय ¨सह व जयप्रकाश पांडेय ने आरती की। हारमोनियम पर गायक उपेन्द्र लाल यादव, बैंजो पर शिवमंगल यादव, नाल पर अमरनाथ राय ने संगत की। इस दौरान आसन ग्रहण किए संत राहुल महराज का डब्बू तिवारी, रविन्द्रनाथ ठाकुर, लक्षनदेव चौधरी ने फुल माला से स्वागत कर कथा शुभारंभ करने का मार्ग प्रशस्त किया।