रामगढ़ खोरहरा भरिगांवा पथ पर पैदल चलना हुआ मुश्किल
प्रखंड मुख्यालय से भरिगांवा इमिलियां होते हुए यूपी को जोड़ने वाली यह महत्वपूर्ण मार्ग ।
कैमूर। प्रखंड मुख्यालय से भरिगांवा इमिलियां होते हुए यूपी को जोड़ने वाली यह महत्वपूर्ण मार्ग अति जर्जर हो गया है।जिस कारण इस पथ पर वाहनों की बात तो दूर पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है। यह मुख्य पथ पूर्व विधायक व स्वतंत्रता आंदोलन के अगुवा रहे दशरथ तिवारी उर्फ पगड़िया बाबा के गांव को जोड़ती है। फिर भी इस सड़क का कायाकल्प अभी नहीं किया जा सका। लिहाजा इस सड़क से जुड़े दर्जनों गांव के लोगों की पीड़ा काफी बढ़ गई है। रामगढ़ के झोरिया नाला के पास से निकलने वाली इस मुख्य पथ से यूपी की सीमा भी लगती है। जनदहां गांव से कुछ दूर पश्चिम डेहुंड़ी गांव के पास कर्मनाशा नदी में बिहार के हिस्से से पुलिया का भी निर्माण कार्य कराया गया। पुल का एप्रोच रोड भी बन गया है। लेकिन सड़क के अतिरिक्त जर्जरता होने से लोगों का यूपी जिना सुगम नहीं हो पा रहा है। जबकि इस मुख्य सड़क से यूपी के अलावा दुर्गावती प्रखंड को भी सड़क निकली है। 18 किलोमीटर की लंबी इस मुख्य पथ से गांवो को निकलने वाली ¨लक पथ ठीकठाक है। मगर मुख्य पथ भी बदहाल हो गई है।जंगलछेरा सिवाना को बीचोबीच चीरते हुए यह सड़क इमिलियां तरोइयां सराय आदि गांवों को भी जोड़ती है। इन जगहों के लोगों का रामगढ़ व यूपी के गाजीपुर आना जाना भी इसी मार्ग से होता है। जिस पर पूरे दिन वाहनों का परिचालन भी होता था। सो अब बंद हो गया है। एक दो वाहन यदाकदा सवारी लेकर आते-जाते हैं तो वे हिचकोले खाते हुए गंतव्य स्थान को प्राप्त करते हैं। भरिगांवा के लक्ष्मीकांत तिवारी, सुदर्शन पासवान, किशुनपुरा के उमाकांत बाबाजी, जनदहां के झुनझुन तिवारी व तरोइयां के जमुना ¨सह ने कहा कि यह सड़क रामगढ़ के लिए कभी हृदयस्थली मानी जाती थी। लेकिन अब यही सड़क जानलेवा बन गई है। जिस पर लोग पैदल आने जाने में कतरा रहें हैं। दिन में तो किसी तरह से लोग गुजर भी जाते हैं। मगर रात में तो जान जोखिम में ही डालकर गुजरना पड़ता है। लोगों ने विधायक अशोक कुमार ¨सह से इस महत्वपूर्ण मार्ग को बनाने की दिशा में पहल करने की मांग किया है। ताकि भविष्य की इमारत भविष्य रूपी धरोहर में तब्दील हो सके।