जीबी कॉलेज में हास्य कविताओं पर खूब लगे ठहाके
स्थानीय ग्राम भारती महाविद्यालय के भूमिदाता स्व. रंगी उर्फ रंग बहादुर ¨सह की पुण्यतिथि गुरुवार को मनाई गई तथा लोगों ने कॉलेज के भूमि दाता की प्रतिमा कॉलेज परिसर में लगाने का संकल्प लिया।
स्थानीय ग्राम भारती महाविद्यालय के भूमिदाता स्व. रंगी उर्फ रंग बहादुर ¨सह की पुण्यतिथि गुरुवार को मनाई गई तथा लोगों ने कॉलेज के भूमि दाता की प्रतिमा कॉलेज परिसर में लगाने का संकल्प लिया। इस कार्य के लिए आनेवाली सारी बाधाएं दूर कराने का भरोसा दिलाया। उनके तैल्य चित्र पर लोगों ने पुष्प माला चढ़ा उनके व्यकतित्व व कृतित्व को याद किया। इस दौरान आयोजकों ने मुशायरे का भी आयोजन किया था। यूपी बिहार के नामचीन कवियों के काव्य पाठ से दर्शकों ने खूब तालियां बटोरी। हास्य व्यंग्य के काव्य रस में लोग सराबोर हो उठे। शाम ढलती गई महफिल सजती गई। कवि डॉ. अशोक राय अज्ञान की कविता, अगले चुनाव में खास सीन मिलेगी फोकट में हसीना कहां हसीन मिलेगी। सल्लू मियां पप्पू भी कुंवारें ही रह गए की काव्य पाठ पर खूब तालियां बटोरी। कवि मिथलेश गहमरी की कविता, किस भरोसे अब जिया जाए अपना गम किस तह सहा जाए। जिसको समझो वही रहजान आज अपना रहबर किसे कहा जाए की पंक्तियां लोगों को खुब भाया। लोकनाथ तिवारी अनगढ़ ने वैसे बीर सपूतों का हम अभिनंदन करते हैं। डॉ किरण यादव का अधखिले फूलों का भी अपना स्थान होता है। फजीहत गहमरी की ये कविता'की अच्छा मुहूर्त आया है, विश्वास हो गया, अपने तो अपने गैरों का भी खास हो गया, जो फेल हो रहा था ,पप्पू इस बार पास हो गया। सहित अन्य कवियों ने भी हास्य व्यंग्य के कविताओं के रस में लोगों को सराबोर करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ा। इस दौरान कवि रहमुल्ला, श्रवन कुमार, रमेश ¨सह, सरोज कुमार पंकज तथा डॉ. विनोद मिश्रा ने भी काव्य पाठ से इस ठंढ में गर्मी ला दिया। इस दौरान 1008 चन्द्र गिरी महराज उर्फ मौनिया बाबा को मंच पर अंग वस्त्र से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर कॉलेज के प्राचार्य डॉ. राधेश्याम ¨सह, पूर्व प्रमुख अभय ¨सह, रामबचन ¨सह, पूर्व प्रमुख अरुण ¨सह, रविन्द्र ¨सह, शिवमुनि ¨सह, सरपंच संघ के जिलाध्यक्ष राजगृही ¨सह, कामेश्वर ¨सह, श्रवण कुमार ¨सह, संदीप कुमार सेठ, नरेंद्र ¨सह, अशोक ¨सह, शिवकुमार ¨सह, ओमप्रकाश ¨सह आदि लोग मंचासीन रहे। अध्यक्षता पूर्व प्राचार्य डॉ. रामबचन ¨सह तथा संचालन कवि रमेश ¨सह ने किया।