अन्य प्रदेशों में फंसे लोग घर लाने के लिए प्रशासन से लगा रहे गुहार
कैमूर। देश में किए गए लॉकडाउन के बाद बाहर नौकरी व्यवसाय कंपनी में काम करने वाले लोग कई जगह फंस गए हैं। जो लोग अभी फंसे हैं उनके सामने वहां खाने-पीने की नौबत आ गई है। जो कुछ पैसा था वह अब खत्म हो गया।
कैमूर। देश में किए गए लॉकडाउन के बाद बाहर नौकरी, व्यवसाय, कंपनी में काम करने वाले लोग कई जगह फंस गए हैं। जो लोग अभी फंसे हैं उनके सामने वहां खाने-पीने की नौबत आ गई है। जो कुछ पैसा था वह अब खत्म हो गया। कंपनी के मालिक भुगतान तक नहीं कर रहे। ऐसे में अब आने वाले दिनों में खाने-पीने के लिए कुछ खरीदने में भी दिक्कत है। ऐसी स्थिति देख अन्य प्रदेशों में फंसे लोग कैमूर जिला प्रशासन से घर लाने की गुहार लगा रहे हैं। इसके लिए जिला कंट्रोल रूम में प्रतिदिन दर्जनों फोन आ रहे हैं। मिली जानकारी के अनुसार सरैयां निवासी शंभू पाल ने फोन कर बताया कि 15 लोग दिल्ली में फंसे हैं। भभुआ प्रखंड के देनवां गांव निवासी रोहित कुमार ने बताया कि गांव के सौ लोग बंगलौर में, मीरा कुमारी ने दिल्ली में फंसे होने की बात बताई। उक्त लोगों ने बताया कि खाने-पीने की कोई व्यवस्था नहीं है। अखलासपुर निवासी विनय कुमार ने बताया कि गांव के आठ लोग दिल्ली में है। इसके अलावा मोकरम के सुशील उपाध्याय ने बताया कि दिल्ली के गुड़गांव में फंसे हैं।
वहीं इसियां गांव निवासी एकादशी राम ने भी दिल्ली में फंसे होने की बात कंट्रोल रूम को बताया है। उन्होंने बताया है कि गुजरात में छह लोग फंसे है। इसके अलावा कंट्रोल रूम को ग्रामीणों द्वारा बाहर से आए लोगों की जांच कराए जाने की मांग की जा रही है। भदारी गांव के संतोष कुमार ने कोलकाता से दो लोगों के आने की जानकारी दी है। साथ ही यह भी बताया कि आने वाले लोगों को खांसी की समस्या है। दुर्गावती प्रखंड के धनिहारी के सतीश यादव ने राजस्थान से आए दो लोगों के बारे में बताया। दुल्ही गांव के पंकज कुमार ने गुहार लगाई है कि वे कैंसर रोग से पीड़ित हैं और मुंबई में फंसे हैं। इसी तरह अभिषेक कुमार ने बताया कि कुर्रा मोहनियां में बाहर से आने वाले एक व्यक्ति की तबियत खराब है।