जिले में शांति व सौहार्दपूर्ण वातावरण में संपन्न हुआ दहशरा
जिले में रविवार को शांतिपूर्ण व सौहार्दपूर्ण वातावरण में दशहरा पर्व संपन्न हो गया।
कैमूर। जिले में रविवार को शांतिपूर्ण व सौहार्दपूर्ण वातावरण में दशहरा पर्व संपन्न हो गया। दशहरा पर्व को लेकर बाजार में लोग पंडालों में स्थापित मां दुर्गा का दर्शन करने के लिए घरों से निकले। लेकिन संख्या बहुत कम रही। ग्रामीण क्षेत्रों से लोग नहीं आए। चूकि प्रशासन का सख्त निर्देश था कि कहीं मेला का आयोजन नहीं होगा। इसके अलावा प्रशासन ने यह भी निर्देश दिया था कि कहीं पंडाल का निर्माण नहीं होगा और जो छोटे पंडाल बनाए जाएंगे उसमें लाउडस्पीकर नहीं बजेगा और न ही प्रसाद का वितरण होगा। इस निर्देश के चलते भभुआ नगर में कहीं भव्य पंडाल का निर्माण नहीं किया गया। छोटे पंडालों में मां दुर्गा की प्रतिमा का स्थापना की गई। जहां पूरे नवरात्र में पूजा अर्चना का कार्य हुआ। अंतिम दिन हवन पूजन के बाद लोगों ने रविवार को दशहरा का पर्व मनाया। नगर के वार्डों में रहने वाले लोग दशहरा की शाम मां दुर्गा का दर्शन करने के लिए निकले। लेकिन रात के नौ बजते ही बाजार में सन्नाटा छा गया। लोग अपने घरों में जा कर बने व्यंजनों का स्वाद लिए और अपने घर के बुजुर्ग और बड़ों का पैर छू कर आर्शीवाद लिए। सोमवार को दशहरा पर्व संपन्न होने के बाद सभी स्थानों पर स्थापित मां दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन पलका पहड़ियां, चैनपुर प्रखंड के जगदहवां डैम आदि में किया गया। इस दौरान श्रद्धालु मां दुर्गा की प्रतिमा को वाहन पर रख कर जयकारा लगाते हुए जलस्त्रोतों पर पहुंचे। इस दौरान न डीजे बजा। इसके पूर्व नगर की बड़ी देवी मां को नगर भ्रमण करा कर देवी मंदिर स्थान तक ले जाया गया। इस दौरान मां का दर्शन करने के लिए श्रद्धालु अपने अपने घरों से निकल कर सड़क पर आ गए।
भभुआ नगर में दशहरा पर्व के बाद चमन लाल पोखरा पर स्थित बड़ी देवी मां का रथ आगे-आगे और उसके पीछे सभी प्रतिमा को वाहन पर रख कर नगर भ्रमण कराया जाता है। नगर भ्रमण का कार्य अखलासपुर रोड में स्थित देवी मंदिर के पास जा कर संपन्न होता है। जहां बड़ी देवी और देवी मां का मिलन होता है और सभी स्थान पर स्थापित प्रतिमाओं की पूजा अर्चना और आरती होती है। तब भभुआ नगर का दुर्गा पूजा महोत्सव संपन्न होता है। इस बार किसी प्रतिमा को नहीं घुमाया गया। लेकिन बड़ी देवी मां के रथ को लेकर श्रद्धालुओं ने नगर भ्रमण कराते हुए देवी मां से मिलाया। जहां विधिवत पूजा अर्चना कर इस पंरपरा को निभाया गया। इस कार्य में दीनानाथ गिरी, बिरजू सिंह पटेल, मंटू सिंह, पांच अखाड़ा क उस्ताद शकंर सिंह यादव, गणेश यादव, लाल जी मल्लाह, संतोष यादव, रामवृक्ष मल्लाह, अशोक, राम एकबाल सिंह, चंद्रमा यादव, बनारसी प्रसाद, रमेश मल्लाह, रामेश्वर पासवान, बड़ी माता मंदिर के पुजारी उमा शुक्ला आदि मौजूद थे।