पंचायत भवन में एपीएचसी का संचालन, मरीजों को दी जाती है एक्सपायरी दवाएं
सरकार आम आवाम को चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने के लिए सरकारी अस्पतालों को साधन संपन्न करने का दावा कर रही है। लेकिन धरातल का सच इससे परे है। ग्रामीण स्तर पर मरीजों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की स्थापना की गई है। लेकिन स्वास्थ्य केंद्रों की स्थिति बदतर है।
सरकार आम आवाम को चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने के लिए सरकारी अस्पतालों को साधन संपन्न करने का दावा कर रही है। लेकिन धरातल का सच इससे परे है। ग्रामीण स्तर पर मरीजों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की स्थापना की गई है। लेकिन स्वास्थ्य केंद्रों की स्थिति बदतर है। कहीं स्वास्थ्य केंद्रों को अपना भवन नहीं है तो कहीं स्वास्थ्य केंद्रों पर चिकित्सक और स्वास्थ्य कर्मी नहीं है। किसी स्वास्थ्य केंद्र पर मरीजों के जान के साथ खिलवाड़ किया जाता है। चिकित्सक मरीजों को एक्सपायरी दवा देकर चलता कर देते हैं। इससे साफ जाहिर होता है कि स्वास्थ्य विभाग मरीजों के स्वास्थ्य को लेकर गंभीर नहीं है। ऐसे में स्वस्थ समाज की परिकल्पना बेमानी है। सरकारी अस्पतालों की बदहाली का लाभ नीम हकीम उठा रहे हैं।
यहां बात हो रही है मोहनियां प्रखंड के कटरा कला गांव के अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की। सात बेड वाले इस स्वास्थ्य केंद्र को स्थापना काल से ही अपना भवन नसीब नहीं हुआ। अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पंचायत भवन में चलता है। यह भवन भी जर्जर हो चुका है। स्वास्थ्य केंद्र में कभी-कभी चिकित्सक या स्वास्थ्य कर्मी पहुंचते हैं। ऐसे में मरीजों की भीड़ लगती है। कटरा कला गांव से मोहनियां मुख्यालय की दूरी 15 किलोमीटर है। जहां मरीजों को पहुंचने में समय लगता है। मरीजों को ग्रामीण स्तर पर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए ही पंचायत स्तर पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का ताना-बाना बुना गया है। जहां आज भी मरीजों को सरकारी घोषणाओं व मानकों के अनुरूप चिकित्सा सुविधा मयस्सर नहीं है। मरीजों का इलाज भगवान भरोसे हो रहा है। अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कटरा कला में आए मरीजों को चिकित्सक द्वारा एक्सपायरी दवाएं दी जाती हैं। जिसे खाकर उनकी तबीयत बिगड़ती है।
कटरा कला ग्राम निवासी बनारसी राम ने बताया कि उन्हें आंख में दर्द था। जब वे चिकित्सक के पास इसका इलाज कराने गए तो उनके द्वारा एक दवा दी गई। जिसे सुबह शाम खाने को कहा गया। उस दवा के खाते ही उनकी तकलीफ और बढ़ गई। परिजन घबरा गए। जब उनके बेटे ने दवा को देखा तो वह अप्रैल माह में ही एक्सपायर हो चुकी थी। ग्रामीणों का कहना था कि स्थापना काल से ही अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कटरा कला पंचायत भवन में चल रहा है। पंचायत भवन भी अब जर्जर हो चुका है। यहां कभी-कभी चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मी आ जाते हैं। जिसे देखकर गरीब तबके के मरीज वहां इलाज कराने पहुंच जाते हैं। जिन्हें इलाज के नाम पर एक्सपायरी दवाएं दी जाती हैं। जिसे खाने से उनकी तबीयत और बिगड़ जाती है। क्या कहते हैं उपाधीक्षक
यह जांच का विषय है। अगर ऐसा हुआ है तो दोषी चिकित्सक के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। भवन के लिए विभाग को पत्राचार किया जाएगा।
- डॉ. चंदेश्वरी रजक, उपाधीक्षक, अनुमंडल अस्पताल, मोहनियां