वज्रपात से एक अधेड़ की मौत, झुलसकर तीन घायल
प्रखंड के सबार थाना क्षेत्र अंतर्गत भीतरीबांध गांव के खेत में भैंस चराने के दौरान रविवार की शाम चार लोग आकाशीय बिजली (वज्रपात) की चपेट में आ गए। इसके चलते एक अधेड़ की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि तीन लोग झुलसकर जख्मी हो गए।
प्रखंड के सबार थाना क्षेत्र अंतर्गत भीतरीबांध गांव के खेत में भैंस चराने के दौरान रविवार की शाम चार लोग आकाशीय बिजली (वज्रपात) की चपेट में आ गए। इसके चलते एक अधेड़ की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि तीन लोग झुलसकर जख्मी हो गए। मृतक भीतरीबांध गांव निवासी रामजी सिंह यादव के पुत्र मोती सिंह यादव बताए जाते हैं। वहीं घायलों में गांव के ही रंजन पांडेय, चंद्रमा पांडेय व मनोज यादव शामिल हैं। मिली जानकारी के अनुसार, मोती सिंह गांव के पश्चिम खेत में भैंस चरा रहे थे। इसी दौरान तेज बारिश के साथ बिजली कड़कने लगी तो सभी लोग भाग कर एक महुआ के पेड़ के नीचे छिप गए। आकाशीय बिजली ऐसे गिरी की मोती की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं, साथ में मौजूद रंजन पांडेय, चंद्रमा पांडेय, मनोज यादव भी आकाशीय बिजली की चपेट में आकर जख्मी हो गए। फिलहाल तीनों लोग ठीक हैं। तीनों ने अपना उपचार एक निजी क्लिनिक में करवाया। घटना की सूचना पर करमचट थाना की पुलिस पहुंच कर शव को अपने कब्जे में लेकर थाना लाई। जहां से पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भभुआ भेज दिया गया। पोस्टमार्टम होने के बाद शव को दाह संस्कार करने के लिए परिजनों को सौंप दिया गया।
घटना की सूचना पर मृतक के घर पर रविवार की शाम ही भभुआ के पूर्व विधायक रामचंद्र सिंह यादव, डॉ. जागेश्वर सिंह यादव, संजय पाल ने पहुंच कर परिजनों को ढांढस बंधाया और परिजनों को आपदा विभाग के तहत चार लाख की सहायता राशि देने की प्रशासन से मांग की। बता दें कि मृतक के तीन पुत्र व एक पुत्री हैं। पुत्री की शादी हो गई है। मृतक तीन भाई थे। तीनो भाई में सबसे बड़े थे। मृतक की पत्नी सहित अन्य परिजनों को रो-रो कर बुरा हाल है। ाटना की जानकारी होते ही राजस्व कर्मचारी को जांच पड़ताल करने के लिए भेज दिया गया। उनके द्वारा आवेदन प्राप्त कर पारिवारिक सूची भी बना ली गई है। मृत्यु प्रमाण पत्र व पोस्टमार्टम रिपोर्ट जमा करने के बाद अभिलेख खोल मुआवजा देने के लिए जिला प्रशासन के पास भेजा गया है।
- भरत भूषण सिंह, सीओ, रामपुर
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वज्रपात से मरने वालों की संख्या हुई सात
जास, भभुआ : सितंबर जिले के लिए ठीक नहीं रहा। सोमवार शाम तक वज्रपात से मरने वालों की संख्या सात हो गई। 17 सितंबर यानी विश्वकर्मा पूजा के दिन से ही बारिश और वज्रपात की शुरुआत हुई है। 17 से 21 सितंबर के बीच वज्रपात से जिले में छह लोगों की मौत हो चुकी है। इसके अलावा एक दर्जन लोग घायल हुए हैं। जिनका इलाज सदर अस्पताल में कराया गया है। लगातार जिले में घट रही वज्रपात से मौत की घटना को लेकर लोगों में भय देखा जा रहा है। बारिश शुरू होने के बाद लोग किसी सुरक्षित स्थान पर छिपने की कोशिश कर रहे हैं। इस दौरान लोग पेड़ के नीचे नहीं छिपने को लेकर सतर्क दिख रहे हैं।
गौरतलब हो कि 19 को चैनपुर थाना क्षेत्र के पहाड़ी पर बसे झरिया व डीहां गांव में बारिश के दौरान वज्रपात से दो महिलाओं की मौत हो गई। मृतका झरिया गांव के गुल्लू सेवरी की पत्नी सुभावती व डीहां गांव निवासी भवन बिद की पत्नी कृष्णावती बताई जाती हैं। घटना के बाद परिजन शव को लेकर चैनपुर थाना पहुंचे। जहां से दोनों के शव को पोस्टमार्टम कराने के लिए पुलिस ने भभुआ सदर अस्पताल भेज दिया। 17 सितंबर की शाम जिले में हुई मूसलाधार बारिश के दौरान वज्रपात से कुल चार लोगों की मौत हुई थी। इसके अलावा कुल आठ लोग घायल भी हुए थे। मृतकों में सोनहन थाना क्षेत्र के पंचगांवा गांव निवासी वासगीत राम के पुत्र मुखिया राम, सोनहन थाना क्षेत्र के अमाढ़ी गांव निवासी रंगनाथ पांडेय के पुत्र सच्चिदानंद पांडेय, चैनपुर थाना क्षेत्र के चिताढ़ी गांव निवासी विश्वनाथ राम का पुत्र राजवंश राम व चांद थाना क्षेत्र के बहेरियां गांव निवासी शिवदीहल बिद के पुत्र पारस बिद शामिल थे। 18 अगस्त को वज्रपात से बेलांव थाना क्षेत्र के पुनांव गांव के सिवाना में काम कर रही तीन महिलाएं जख्मी हुई थीं।