चुनाव आयोग की कड़ाई से आया काफी बदलाव
अब चुनावी माहौल में काफी परिवर्तन आ गया है। पहले चुनाव के समय अधिक से अधिक उत्साह दिखाई पड़ता था। गांव-गांव में प्रत्याशियों के वाहन घूमते थे। बच्चे भी वाहनों के पीछे-पीछे पूरे गांव में बिल्ला-पोस्टर पाने के लिए दौड़ते रहते थे।
अब चुनावी माहौल में काफी परिवर्तन आ गया है। पहले चुनाव के समय अधिक से अधिक उत्साह दिखाई पड़ता था। गांव-गांव में प्रत्याशियों के वाहन घूमते थे। बच्चे भी वाहनों के पीछे-पीछे पूरे गांव में बिल्ला-पोस्टर पाने के लिए दौड़ते रहते थे। अधिकांश घरों में किसी न किसी दल के प्रत्याशी का झंडा लगा रहता था। अब चुनाव आयोग के कड़े निर्देशों के तहत यह माहौल नहीं दिखाई पड़ रहा। वहीं, मकानों पर पूर्व की तरह झंडा व दीवारों पर पोस्टर नहीं लगाए जा रहे। इस बदलाव का सुखद पहलू भी है। चुनाव दर चुनाव बदलाव को नजदीक से देखते आए 85 वर्षीय राम नरेश सिंह कहते हैं कि चुनाव आयोग की कड़ाई से काफी बदलाव आया है।
भभुआ प्रखंड की दिहड़ा पंचायत के बारे गांव निवासी राम नरेश सिह इस उम्र में भी मतदान के प्रति काफी जागरूक है। उन्होंने नई पीढ़ी से बढ़-चढ़कर लोकतंत्र के इस महापर्व में शामिल होने की अपील की। बीती बातों को याद करते हुए कहते हैं कि पहले चुनाव के समय प्रत्याशी व उनके कार्यकर्ताओं की मनमानी चलती थी। वे बिना पूछे किसी के घर पर अपना बैनर व पोस्टर लगा देते थे। लोग चाह कर भी पोस्टर बैनर लगाने के लिए मना नहीं करते थे। क्योंकि इस बात का भय रहता था कि कहीं प्रत्याशी के कार्यकर्ता झंडा बैनर लगाने का विरोध करने पर कहीं झंझट नहीं कर बैठे। बताया कि पहले मतदान के दिन वोट देने में भी दिक्कत होती थी। लोग मतदान केंद्रों पर पहुंच नहीं पाते थे, लेकिन उनके मतदान केंद्र पर पहुंचने के बाद पता चलता था कि वोट पड़ चुका है। अब निर्वाचन आयोग की सख्ती के चलते मतदान के प्रति ज्यादा जागरूकता दिखाई पड़ रही है। किसी का मत कोई भी व्यक्ति नहीं डाल सकता है और न हीं किसी के मकान पर बिना उसकी अनुमति के पोस्टर बैनर लगा सकता है। पहले चुनाव आयोग के नियमों से आमलोग वाकिफ नहीं थे। अब चुनाव आयोग की सख्ती के बारे में आम मतदाता भी जान गया है। आयोग के दिशा निर्देश के अनुसार ही चुनाव हो रहे हैं। जिसका सुखद परिणाम यह है कि मतदान के दिन अब पूरी तरह से शांतिपूर्ण माहौल रहता है। मतदान को संपन्न कराने के लिए सुरक्षा व्यवस्था के भी पहले से कहीं बेहतर इंतजाम किए जाते हैं। अब लोग बिना किसी भय के अपना मत अपनी इच्छा अनुसार दे रहे।