शौचालय का निर्माण का लक्ष्य पूरा
जिले में ओडीएफ अभियान के तहत शौचालय निर्माण का जो लक्ष्य था वह पूरा हो गया है। इसके साथ ही इस अभियान के तहत जो अन्य प्रक्रियाएं हैं उन्हें भी पूरा करने के लिए कर्मी लगे हुए हैं।
जिले में ओडीएफ अभियान के तहत शौचालय निर्माण का जो लक्ष्य था वह पूरा हो गया है। इसके साथ ही इस अभियान के तहत जो अन्य प्रक्रियाएं हैं उन्हें भी पूरा करने के लिए कर्मी लगे हुए हैं। बारी-बारी से सभी प्रखंडों को ओडीएफ करने के बाद इस वर्ष शिक्षक दिवस के मौके पर कैमूर जिला को समारोह पूर्वक ओडीएफ घोषित किया गया।
मिली जानकारी के अनुसार कैमूर जिला में ओडीएफ अभियान के तहत 283770 शौचालय निर्माण कराने का लक्ष्य था। इसमें 199625 लाभुकों की जिओ टैगिग हो चुकी है। जिले में 197026 लाभुकों का भुगतान हुआ है। शेष कार्यों के लक्ष्य को पूरा करने के लिए कर्मी लगे हुए हैं। लेकिन धरातल पर ओडीएफ अभियान अभी पूरी तरह सफल नहीं हो पाया है। यदि इस अभियान की हकीकत देखनी है तो जिला प्रशासन को फिर एक बार लोगों की मानसिकता बदलने के लिए प्रयास करना होगा। नहीं तो यह अभियान कुछ दिनों बाद पूरी तरह पुराने तरीके पर आ जाएगा और ओडीएफ अभियान का नामोनिशान ही मिट जाएगा।
बहरहाल हम गांवों में इस अभियान पर नजर डाले तो ऐसा लगेगा कि शौचालय सिर्फ गांवों में दिखाने के लिए ही बनाए गए हैं। जिले के लगभग सभी गांवों में शौचालय दिख जाएंगे जिनमें या तो मवेशी बैठ कर आराम कर रहे हैं या उसमें उपला या लकड़ी रखी गई है। अधिसंख्य शौचालयों में पानी की व्यवस्था नहीं है। कई शौचालयों का शेड ही नहीं है। ऐसे में उन शौचालयों का उपयोग कोई कैसे कर सकता है। कुछ प्रखंड में यह सुनने को मिलता है कि जो शौचालय संवेदकों द्वारा बनवाया गया है वे तो ध्वस्त हो चुके हैं। जिन शौचालयों का निर्माण लोगों ने स्वयं कराया है वे उपयोगी हैं। इसके चलते गांवों में दो-चार परिवारों को छोड़ शेष लोग आज भी खुले में ही शौच करते हैं।
खुले में शौच करने पर अब देना होगा जुर्माना-
इस अभियान को सफल बनाने के लिए प्रशासन ने जिले के ओडीएफ घोषित होने के बाद कड़ा रूख अख्तियार किया है। इसके लिए अब जो कोई खुले में शौच करते पकड़ा जाएगा उससे जुर्माना वसूलने की कार्रवाई की जाएगी। लेकिन अब तक किसी से जुर्माना वसूलने की कार्रवाई की बात नहीं सामने आई है। चूंकि गांवों के खेतों व सड़कों पर कर्मियों का सुबह शाम पहुंचना मुमकीन नहीं है। इसके लिए लोगों को स्वयं मानसिकता बदलनी होगी। अभियान के शुरुआती दौर में गांव-गांव टीम ने पहुंच कर लोगों को जागरूक किया और मानसिकता बदलने का पूरा प्रयास किया। जो बहुत दिन तक नहीं चल सका। पुन: जिला प्रशासन को लोगों को जागरूक करने का कार्य शुरू करना चाहिए। ताकि लोग खुले में शौच करने से स्वयं दूर हो। प्रखंडवार बने शौचालयों की स्थिति -
प्रखंड - बने शौचालय
अधौरा - 13864
भभुआ- 44482
भगवानपुर - 18528
चैनपुर - 37907
दुर्गावती- 21732
चांद - 23058
कुदरा - 22642
मोहनियां - 42087
नुआंव - 16611
रामपुर- 18278
रामगढ़ - 24581