स्वच्छाग्रही की पारिश्रमिक भुगतान नहीं होने से असंतोष
प्रखंड क्षेत्र में कार्यरत स्व'छाग्रही जिनके बहुमूल्य सहयोग से प्रखंड को खुले में शौच से मुक्त किया गया। प्रखंड को खुले में शौच मुक्त घोषित हुए लगभग तीन माह से ऊपर का समय हो गया । तीन माह का समय गुजर जाने के बावजूद भी उन सभी के पारिश्रमिक का भुगतान नहीं हो सका। यह आरोप स्व'छाग्रही के द्वारा प्रखंड व जिला प्रशासन के ऊपर लगाया गया है।
प्रखंड क्षेत्र में कार्यरत स्वच्छाग्रही जिनके बहुमूल्य सहयोग से प्रखंड को खुले में शौच से मुक्त किया गया। प्रखंड को खुले में शौच मुक्त घोषित हुए लगभग तीन माह से ऊपर का समय हो गया । तीन माह का समय गुजर जाने के बावजूद भी उन सभी के पारिश्रमिक का भुगतान नहीं हो सका। यह आरोप स्वच्छाग्रही के द्वारा प्रखंड व जिला प्रशासन के ऊपर लगाया गया है।
मौके पर मौजूद प्रखंड के स्वच्छाग्रही के द्वारा बताया गया कि प्रखंड को ओडीएफ करने हेतु प्रखंड के सभी स्वच्छाग्रही के साथ जिला में जिला पदाधिकारी और डीडीसी सहित अन्य पदाधिकारियों के साथ मी¨टग की गई थी। जिसमें जिला पदाधिकारी द्वारा सभी स्वच्छाग्रही को बताया गया था कि सभी अपना सहयोग दें। ताकि प्रखंड को खुले में शौच से मुक्त किया जा सके। इसके एवज में रुपये 6000 प्रति माह के हिसाब से 3 माह का 18000 साथ में 10000 इनाम के रूप में सभी स्वच्छाग्रही को दिया जाएगा। आश्वासन पर सभी लोगों ने दिन रात मेहनत करके प्रखंड को ओडीएफ करवा दिया। मगर डीएम और डीडीसी के आदेश का लाभ सभी को नहीं मिला। प्रखंड पदाधिकारी के कहने पर कुछ स्वच्छाग्रही को 3000 दिया गया कुछ स्वच्छाग्रही को आज तक एक रूपये तक नहीं मिला। जिसकी शिकायत जिलाधिकारी से भी हम सभी लोगों ने लिखित आवेदन के साथ कई बार किया है। मगर कोई लाभ नहीं मिल सका