अस्पताल में इलाज कराए मानसिक रोगी : सीएस
भभुआ भूत व जादू-टोना के चक्कर में न पड़ कर लक्षण मिलने वाले मानसिक रोगी सदर अस्पताल में अपना इलाज कराएं। यहां पर इलाज व दवा की व्यवस्था के साथ-साथ काउंसिलिग की भी व्यवस्था है।
भभुआ: भूत व जादू-टोना के चक्कर में न पड़ कर लक्षण मिलने वाले मानसिक रोगी सदर अस्पताल में अपना इलाज कराएं। यहां पर इलाज व दवा की व्यवस्था के साथ-साथ काउंसिलिग की भी व्यवस्था है। यह बातें सिविल सर्जन डॉ मीना कुमारी ने कही। वे विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर जिला मानसिक स्वास्थ्य इकाई विभाग में आयोजित कार्यशाला का उद्घाटन करने के अवसर पर रोगी व उनके परिजनों तथा कर्मियों को संबोधित कर रही थी। उन्होंने बताया कि वर्ष 1992 में विश्व स्वास्थ्य संघ ने विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाने की शुरूआत की थी। इसका उद्देश्य लोगों को मानसिक रोग के बारे में जानकारी देकर उचित इलाज के माध्यम से स्वस्थ रखना है। उपाधीक्षक डॉ विनोद कुमार ने अपने संबोधन में रोगी के बदलते व्यवहार पर नजर रखने व लक्षण की पुष्टि होते ही चिकित्सक से इलाज कराने का लोगों को सुझाव दिया। मनो सामाजिक कार्यकर्ता डॉ राजा उपाध्याय ने बताया कि पर्याप्त नींद न आना, अचानक बिना किसी कारण के घबड़ाना व बेचैनी होना, अकेले रहने का मन करना, रखी हुई वस्तु को भूल जाना व आत्महत्या करने जैसे विचार का बार-बार आना आदि मानसिक रोग के प्रमुख लक्षण है। इससे बचाव के लिए समूह में रहने, एक दूसरे पर शंका न करने, योग व्यायाम करने, लक्षण मिलते ही चिकित्सक से संपर्क कर दवा का उपयोग करने आदि से रोग पर नियंत्रण किया जा सकता है। उन्होंने कार्यस्थल पर होने वाले मनोविकार से बचने के टिप्स भी दिए। कार्यशाला में आए लोगों का धन्यवाद ज्ञापन मनोवैज्ञानिक भावना गुप्ता ने किया। इस मौके पर डीआईओ डॉ आर. के. चौधरी व डीपीएम ऋषिकेश जायसवाल भी उपस्थित थे। इसमें रोगी व उनके परिजन सहित विभाग के मजहबीनाज, गुड़िया कुमारी, रंजना कुमारी, बनवारी लाल व नौशाद तथा सोनू आदि कर्मी भी शामिल रहे।