कैमूर में पशुपालकों को लाखों का नुकसान
प्रमोद तिवारी रामगढ़ (कैमूर)। कोरोना संकट के कारण कैमूर जिले में श्वेत क्रांति को बड़ा झटका लगा है। लॉकडाउन ने जिले के दूधदाता किसानों की कमर तोड़ दी है।
प्रमोद तिवारी, रामगढ़ (कैमूर)। कोरोना संकट के कारण कैमूर जिले में श्वेत क्रांति को बड़ा झटका लगा है। लॉकडाउन ने जिले के दूधदाता किसानों की कमर तोड़ दी है। पशुपालकों को पशुओं के रहन-सहन व चारे के लिए भी मशक्कत करनी पड़ रही है। इस संकट से जिले के दूधदाताओं को प्रति सप्ताह 25 लाख रुपये का नुकसान उठाना पड़ रहा है। यही नहीं डेयरी प्रबंधन हर तीन दिन पर एक दिन दूध का उठाव नहीं कर रहा है। सप्ताह में दो दिन उठाव नहीं होने से किसानों के 84 हजार लीटर दूध से होने वाली कमाई बंद हो गई है। जबकि पहले प्रतिदिन दूध का उठाव किया जाता था। लॉकडाउन के बाद बाजार में दूध की खपत में गिरावट आ जाने के बाद शाहाबाद डेयरी ने एक फॉर्मूला तय किया है। इसके आधार पर बारी-बारी से चारों जिलों कैमूर, रोहतास, बक्सर व भोजपुर में दूध का उठाव एक दिन बंद किया जा रहा है। ठंडा व शुद्ध दूध पीने वाले बाजारवासियों को भी दूध नसीब नहीं हो पा रहा है। प्रतिदिन रामगढ़ में एक लीटर वाले 200 पैकेट दूध की खपत थी। शाहाबाद डेयरी के एमडी शिवेंद्र सिंह ने बताया, कोरोना संकट की इस घड़ी में हम दूधदाता किसानों के साथ खड़े हैं। एमडी ने कहा, लॉकडाउन से पहले कैमूर, रोहतास, बक्सर व भोजपुर से ढाई लाख लीटर दूध रोजाना आता था। लॉकडाउन हो जाने के बाद 'नमस्ते इंडिया' व बिचौलियों ने भी द़ूध देना शुरू कर दिया। इससे एक लाख लीटर दूध खपत से अधिक बढ़ गया। संकट को देखते हुए हर जिले से दूध के उठाव को बारी-बारी से एक दिन के लिए बंद किया गया है। उन्होंने बताया, रोजाना बाजार में बिकने वाला एक लाख 30 हजार लीटर दूध सिमटकर 62 हजार लीटर पर आ गया है। झारखंड में 70 हजार लीटर के बजाय 42 हजार लीटर दूध ही जा पा रहा है। उन्होंने किसानों से अपील की कि एक दिन के दूध का उपयोग परिवार व दुधारू पशुओं के बच्चे की सेहत के लिए करें। इसके अलावा अब दूसरा कोई विकल्प नहीं बचा है। नमस्ते इंडिया डेयरी बंद होने से संकट में फंसे पशुपालक : कोरोना संकट के कारण हुए लॉकडाउन में नमस्ते इंडिया डेयरी ने सप्ताहभर से दूध का उठाव बंद कर दिया है। इससे पशुपालक किसानों को बड़ा आघात पहुंचा है। हजारों लीटर दूध अब रोजाना बर्बाद हो रहा है। नमस्ते इंडिया डेयरी से जुड़े पशुपालक सुधा डेयरी में लाइन लगा रहे हैं। किसानों ने बताया, नमस्ते इंडिया डेयरी भी मोहनियां में ही स्थापित है। क्षेत्र से एक पाली में 10 हजार लीटर दूध के हिसाब से प्रतिदिन 20 हजार लीटर दूध का उठाव होता था। पिछले पखवारे भर से गाड़ी नहीं आ रही है। पशुपालक परेशान, कैसे करें अपने पशुओं के लिए चारे का इंतजाम :
पशुपालक पुरुषोत्तम सिंह, बलिस्टर राम, यदुवंश चौहान, अविनाश तिवारी व आशुतोष तिवारी आदि बताते हैं, दूध की बिक्री न हो पाने के कारण इस समय मवेशियों के चारे व खली का बंदोबस्त कर पाना मुश्किल हो रहा है। डेयरी पर नहीं बिकने से घर में कितना दूध खपाएंगे? लॉकडाउन के कारण मिठाई व चाय की दुकानें भी बंद हैं। ऐसे में बाजार जाकर भी नहीं बेच सकते हैं। इस कारण हम लोगों का दूध बर्बाद हो रहा। हम लोगों पर बड़ी मुसीबत आन पड़ी है।