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दो प्रखंडो को जोड़ने वाली कुदरा-चौरसिया सड़क बदहाल

किसानों का व्यवसाय हो रहा प्रभावित आठ साल पूर्व सड़क का हुआ था निर्माण संवाद सूत्र रामपुर स्थानीय प्रखंड के चौरासी आरडी से कुदरा प्रखंड के कझार तक यानी दो प्रखंडों को जोड़ने वाली सड़क बदहाल है। उपेक्षा के कारण यह सड़क अब पूरी तरह से उखड़ गई है। इस पथ में काफी छोटे-बड़े गड्ढे हो गए हैं। जि

By JagranEdited By: Published: Thu, 05 Dec 2019 04:10 PM (IST)Updated: Thu, 05 Dec 2019 04:10 PM (IST)
दो प्रखंडो को जोड़ने वाली कुदरा-चौरसिया सड़क बदहाल
दो प्रखंडो को जोड़ने वाली कुदरा-चौरसिया सड़क बदहाल

स्थानीय प्रखंड के चौरासी आरडी से कुदरा प्रखंड के कझार तक यानी दो प्रखंडों को जोड़ने वाली सड़क बदहाल है। उपेक्षा के कारण यह सड़क अब पूरी तरह से उखड़ गई है। इस पथ में काफी छोटे-बड़े गड्ढे हो गए हैं। जिससे लोगों को आने जाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बदहाल होने के कारण इस सड़क पर आवागमन भी प्रभावित हो रहा है। इस सड़क पर चलने वाले वाहनों की संख्या कम हो गई है। इससे इस सड़क से जुड़े दर्जनों गांवों के किसानों का व्यवसाय भी प्रभावित हो रहा है। साथ ही लगभग दो दर्जन गांव के लोग रेल पकड़ने के लिए कुदरा जाने के दौरान इसी सड़क से आते जाते थे। लेकिन इस सड़क के बदहाल होने से ग्रामीणों के सामने कई तरह की परेशानी उत्पन्न हो गई है। इस सड़क का निर्माण जब आठ वर्ष पूर्व हुआ तो क्षेत्र के ग्रामीणों में काफी खुशी देखी गई थी। उस समय ग्रामीणों के लिए यह सड़क वरदान साबित हुई। क्षेत्र के किसान अपनी सब्जी की बिक्री करने के लिए वाहन से कम समय में कुदरा सहित अन्य स्थानों पर पहुंच जाते थे और सब्जी बिक्री कर समय से घर वापस चले आते थे। लेकिन सड़क खराब होने के चलते अब उनकी सब्जियां नहीं बिक रही। उनकी सब्जियों के खरीदारी सिर्फ ग्रामीण ही रह गए हैं। इससे उन्हें काफी नुकसान सहना पड़ रहा है। इसी तरह रेलवे यात्रा करने वाले लोग रेल के निर्धारित समय से कुछ समय पूर्व अपने घर से निकलते और समय से पहुंच कर रेल पकड़ लेते थे। लेकिन आज स्थिति यह हो गई है कि रेल पकड़ने जाना हो तो लोगों को सुबह ही निकलना होगा। छात्र सुधीर कुमार, विकास कुमार, पप्पू कुमार आदि ने बताया कि साइकिल से चेनारी पढ़ने जाने में परेशानी होती है। काफी समय लगता है। वहीं सामजसेवी सन्नी कुमार सौरभ, रामाशंकर, शुगुन सिंह, रिषु सिंह, महेन्द्र पासवान आदि ने बताया कि सड़क का टैक्स लिया जाता है। लेकिन सड़क मरम्मत कराने का ध्यान न ही सरकार को है और न ही प्रशासन को। जनप्रतिनिधि तो चुनाव संपन्न होने के बाद कभी दिखते ही नहीं। ग्रामीणों ने बताया कि कई बार जन प्रतिनिधियों से सड़क को मरम्मत कराने के लिए कहा गया, लेकिन कुछ नहीं हुआ। अभी इस सड़क के बने मात्र आठ साल ही हुए हैं। लेकिन आज स्थिति यह है कि सड़क कम गड्ढे अधिक दिखाई देते हैं।

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