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कन्यादान करने की हसरत रामराज की रह गई अधूरी

कैमूर। इंसान चाहे जितना हांथ पांव मारे लेकिन होता वही है जो विधाता को मंजूर होता है। उसके आगे सब बेब

By JagranEdited By: Published: Wed, 09 May 2018 05:22 PM (IST)Updated: Wed, 09 May 2018 05:22 PM (IST)
कन्यादान करने की हसरत रामराज की रह गई अधूरी
कन्यादान करने की हसरत रामराज की रह गई अधूरी

कैमूर। इंसान चाहे जितना हांथ पांव मारे लेकिन होता वही है जो विधाता को मंजूर होता है। उसके आगे सब बेबश है। काल का चक्र ऐसा है की सब बना बनाया खेल एक पल में बिगड़ जाता है। कुछ इसी तरह की ईश्वरीय लीला मोहनियां थाना क्षेत्र के पसपिपरा गांव में देखने को मिली। एक सप्ताह से इस गांव के रामराज राम के घर में उत्सवी माहौल कायम था। घर में मंगल गीत गाए जा रहे थे। रिश्तेदारों का जमावड़ा था। सबको बुधवार को रामराज राम की बड़ी पुत्री रूबी कुमारी की शादी का इंतजार था। शाम में बारात आने वाली थी। पिता ने अपने लाडली की शादी भभुआ थाना क्षेत्र के सिगठी गांव के शिवबचन राम के पुत्र छोटू राम से तय की थी। घर में शादी का पहला उत्सव था। इस वजह से परिजनों व रिश्तेदारों का उत्साह भी चरम पर था। शादी की तैयारी चल रही थी। बेटी की विदाई में देने के लिए उपहार और मिष्ठान तैयार हो चुका था। बरातियों के खान-पान व स्वागत की तैयारी जोर-शोर से चल रही थी। बुधवार की रात पिता रामराज राम व माता ¨बदा देवी अपनी बड़ी पुत्री रूबी का कन्यादान करने वाले थे। गुरुवार को खुशी खुशी रूबी मायके से पति के साथ ससुराल विदा होने वाली थी। लेकिन विधाता को कुछ और ही मंजूर था। बुधवार की सुबह बेटी की शादी की तैयारी को लेकर घर से निकले रामराज राम की पड़ोसी संजय राम ने गोली मारकर हत्या कर दी। इसके बाद सारी खुशियां मातम में बदल गईं। माता पिता के कन्यादान की हसरत अधूरी रह गई। बेटी की विदाई से पहले ही रामराज राम की दुनिया से विदाई हो गई। जिस घर से बेटी की डोली निकलने वाली थी उसी घर से बाप की अर्थी निकली। विधाता के इस क्रूर खेल ने रामराज राम के घर में शादी समारोह की खुशियों का खेल एक पल में बिगाड़ दिया। घटना के बाद घर में कोहराम मच गया। माता ¨बदा देवी के आगे अंधेरा छा गया। शादी की सारी तैयारी धरी रह गई। रिश्तेदार व ग्रामीण मृतक की पत्नी व बच्चों को संभालने की कोशिश कर रहे थे। छोटे-छोटे बच्चे बिलख रहे थे। रूबी की शादी की खुशियों के ख्वाब पल भर में चकनाचूर हो गए थे। रामराज की मौत के बाद घर में मचा कोहराम में शादी की खुशियां दफन हो गई थीं।

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