नदी पार कर जिले में आ रहे प्रवासियों को ग्रामीणों ने वापस लौटाया
कैमूर। बिहार के कैमूर से यूपी को जोड़ने वाली सभी सीमा को सील किया गया है। जहां सुरक्ष में मजिस्ट्रेट के साथ पुलिस जवान नियुक्त हैं।
कैमूर। बिहार के कैमूर से यूपी को जोड़ने वाली सभी सीमा को सील किया गया है। जहां सुरक्ष में मजिस्ट्रेट के साथ पुलिस जवान नियुक्त हैं। सीमा को सील किए जाने से लोगों को बिहार के कैमूर में प्रवेश करने पर मनाही है। यदि विशेष परिस्थिति में वो आते भी हैं तो स्क्रिनिग के बाद उनको 14 दिन के क्वारंटाइन में रखने के बाद ही घर भेजा जा सकता है। लेकिन सीमा के सील होने के बाद लोग अब नई तरकीब ढूंढ लिए और उसमें वे कामयाब भी हो रहे हैं। इस दौरान कई जगहों पर नदी पार कर प्रवासी जिले में प्रवेश कर जा रहे है। इसके अलावा आसपास के गांव वाले भी नाव की मदद से नदी पार करा रहे है। दुर्गावती प्रखंड अंतर्गत यूपी बिहार की सीमा पर जमुरनी गांव के सामने नदी पार कर रहे प्रवासी लोगों को नदी पार करने से ग्रामीणों ने मना कर दिया। कुछ लोग नदी पार कर जो बिहार की सीमा में घुसे थे उन्हें पुन: वापस कर दिया गया। क्योंकि जो लोग नदी पार कर रहे हैं वे गांव के बीच सकरी गली से होकर बाहर निकलते हैं। जिससे गांव में बीमारी फैलने का भय बना हुआ है। मिली जानकारी के अनुसार शुक्रवार की सुबह सात बजे सैकड़ों की संख्या मे माथे पर मोटरी, साइकिल पर सामान एवं बाल बच्चों के साथ यूपी की सीमा तट पर कर्मनाशा नदी के किनारे बिहार की सीमा में प्रवेश करने के लिए आ पहुंचे। इसे देखते हुए नजदीकी यूपी बिहार सीमा के जमुरनी गांव के लोगों ने उन्हें बिहार में प्रवेश करने को लेकर विरोध किया। इसके बाद वे लोग पुन: उत्तर प्रदेश की सीमा में वापस लौट गए। कुछ लोग जो बिहार की सीमा में प्रवेश कर चुके थे उन्हें ग्रामीणों ने पुन: यूपी की सीमा में वापस लौटा दिया। जमुरनी गांव के सामने कर्मनाशा नदी में ईंट की टुकड़ी डालकर बहुत पहले वाहन पार करने के उद्देश्य से रास्ता बनाया गया था। जिस पर जाड़े एवं गर्मी के दिन में पानी का बहाव कम हो जाता है। जिसके चलते वहां से साइकिल एवं मोटरसाइकिल को आसानी से पार किया जा सकता है। इसी वजह से राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या दो पर यूपी बिहार की सीमा सील करने के बाद कुछ लोग साइकिल मोटरसाइकिल एवं पैदल इस रास्ते से यूपी से बिहार की सीमा में प्रवेश कर रहे हैं। इन लोगों के लगातार आवागमन को देखते हुए गांव के लोगों के द्वारा इस रास्ते से आने पर रोक लगा दिया गया। क्योंकि इस रास्ता से पार होने के बाद लोग गांव के बीच सकरी गली से होकर गांव से बाहर निकलते हैं। हालांकि इस पर प्रशासन की कड़ी नजर नहीं हुई। तो कैमूर जिले के लिए खतरा हो सकता है।