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जिले में कैंसर रोगियों की जांच की नहीं है व्यवस्था

कैमूर। कोरोना वायरस से लोगों की रक्षा के लिए लागू किए गए लॉकडाउन के चलते अन्य रोगियों को इलाज में परेशानी जरूर हो रही है। लगभग 16 लाख आबादी वाले कैमूर जिले में कैंसर रोगियों के इलाज की बात तो दूर सदर अस्पताल में रोग की जांच की भी व्यवस्था नहीं है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 04 Apr 2020 09:05 PM (IST)Updated: Sat, 04 Apr 2020 09:05 PM (IST)
जिले में कैंसर रोगियों की जांच की नहीं है व्यवस्था
जिले में कैंसर रोगियों की जांच की नहीं है व्यवस्था

कैमूर। कोरोना वायरस से लोगों की रक्षा के लिए लागू किए गए लॉकडाउन के चलते अन्य रोगियों को इलाज में परेशानी जरूर हो रही है। लगभग 16 लाख आबादी वाले कैमूर जिले में कैंसर रोगियों के इलाज की बात तो दूर सदर अस्पताल में रोग की जांच की भी व्यवस्था नहीं है। सदर अस्पताल आने वाले हृदय रोग से संबंधित मरीजों की जांच के लिए ईसीजी व मोनीटर की व्यवस्था युक्त सीसीयू है लेकिन हृदय रोग के कोई विशेषज्ञ नहीं हैं। अन्य चिकित्सकों द्वारा फिलहाल इलाज का कार्य किया जा रहा है। शारीरिक दूरी को ख्याल में रखकर भीड़ को नियंत्रित करने के लिए ओपीडी सेवा बंद कर दिए जाने से सदर अस्पताल आने वाले हृदय रोग से संबंधित मरीजों को बाहर से दवा खरीदनी पड़ रही है।

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जिले के टीबी रोग के ओपीडी सेवा में आने वाले रोगियों की संख्या में लॉकडाउन के चलते कमी आई है। प्रतिदिन एक या दो रोगी इलाज कराने आ रहे हैं। पुराने मरीजों को भी दवा दी जा रही है। पुराने मरीज जो दवा लेने नहीं आ रहे हैं उनके रिकार्ड के आधार पर विभागीय सुपरवाइजर द्वारा उनके घर दवा पहुंचाई जा रही है। जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ. अनिल सिंह ने यह जानकारी दी है।

उधर जिले के 950 एचआइवी पीड़ितों को ओपीडी सेवा बंद होने के बाद भी विभागीय नोडल पदाधिकारी के प्रयास से गया से दवा मंगाकर दिया जा रहा है। सदर अस्पताल के ओपीडी सेवा के बंद होने के बाद से दवा काउंटर के बंद होने की स्थिति में गंभीर रोगियों को आपात चिकित्सा कक्ष के पास दवा रखकर मरीजों को दिया जा रहा था लेकिन दवा के चक्कर में बढ़ती हुई भीड़ व घटते हुए शारीरिक दूरी को ध्यान में रखते हुए यह सेवा भी लगभग ठप कर दी गई।

इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ. अरुण कुमार तिवारी ने बताया कि सदर अस्पताल में कैंसर रोग की जांच व इलाज की सुविधा नहीं है। हृदय रोगियों की जांच की समुचित व्यवस्था है। ओपीडी बंद होने से रोगी को दवा बाहर से लेनी पड़ रही है। टीबी व एचआइवी रोगियों को दवा नियमित रूप से मुहैया कराई जा रही है। लॉकडाउन के चलते रोगियों को थोड़ी परेशानी जरूर हो रही है।


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