कैमूर में पानी में डूबा जिगिना-दुघरा पथ, दो दर्जन गांवों के लोगों का आवागमन बाधित
एक दशक से बदहाल जिगिना-दुघरा पथ का टेंडर होने के बाद भी निर्माण कार्य शुरू नहीं होने से यात्रियों में मायूसी है।
कैमूर। एक दशक से बदहाल जिगिना-दुघरा पथ का टेंडर होने के बाद भी निर्माण कार्य शुरू नहीं होने से यात्रियों में मायूसी है। मानसून की पहली बारिश में ही यह सड़क पानी में डूब गई है। जिससे इसपर चलना दूभर हो रहा है। इस पथ का टेंडर हुए दो माह से अधिक का समय गुजर गया। अब मानसून की बारिश में खेतों में पानी भर चुका है। जगह जगह सड़क और खेत में अंतर मुश्किल हो रहा है। ऐसे में इस पथ के निर्माण की उम्मीद क्षीण होने लगी है। जीटी रोड से दो विधान सभा क्षेत्र के साथ दो राज्यों को जोड़ने वाला जीटी रोड-जिगिना हर साल पानी में डूब जाता है। जिगिना पथ का सफर यात्रियों के लिए कष्टदायक है। दो प्रखंडों के दो दर्जन से अधिक गांवों को अनुमंडल मुख्यालय से जोड़ने वाला यह पथ मानसून की पहली बारिश में ही पानी में डूब गया। जिससे आवागमन में काफी परेशानी हो रही है। यह सड़क जीटी रोड से उत्तरप्रदेश को जोड़ती है। जीटी रोड से करीब पांच किलोमीटर उत्तर सियापोखर गांव के समीप दुर्गावती नदी पर पुल बना है। जिससे देवहलियां होते हुए यात्री उत्तरप्रदेश की सीमा में प्रवेश कर जाते हैं। बरसात में इस सड़क की यात्रा काफी कष्टदायी होती है। सड़क पर पैदल चलना मुश्किल होता है। इस सड़क पर रेलवे लाइन से आधा किलो मीटर दक्षिण प्रस्तावित छलका स्थल पर करीब तीन फीट से अधिक पानी बह रहा है। जिससे इस पर वाहनों का परिचालन दुश्वार है। दो पहिया वाहन की सीट तक पानी है। प्रतिदिन इस स्थान पानी में बाइकें बंद होकर खराब हो जाती हैं। इस सड़क की बदहाली के कारण ग्रामीण रामगढ़-मोहनियां पथ से भरखर होते हुए जिगिना इत्यादि गांव जाते हैं। जिगना-दुघरा पथ दो दर्जन से अधिक गांवों को जीटी रोड से जोड़ता है। जिसमें अकोढ़ी, कुर्रा, दुघरा, जिगिना, लुरपुरावां, इदिलपुर, पट्टी, हसनपुरा, रजियाबांध, बेर्रा, आलाडाही, तुलसीपुर, सियापोखर, बम्हौर, टेकारी व भनखनपुर तथा रामगढ़ प्रखंड के देवहलिया, लबेदहां, लबेदहीं इत्यादि गांव शामिल हैं। बीते एक दशक से ग्रामीण इस समस्या से जूझ रहे हैं। सड़क में गड्ढों की भरमार के कारण वाहन चालकों को खेत और सड़क में अंतर समझ में नहीं आता। गड्ढे से बचने का प्रयास करने पर वाहन खेत में पलट जाते हैं। इस सड़क में कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। सड़क की दुर्दशा से इस पर पैदल चलना मुश्किल है। इस सड़क पर यात्रा करना खतरे से खाली नहीं है।
रेल लाइन निर्माण से काफी हुई बर्बादी-
डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर रेल लाइन के निर्माण के कारण इस सड़क की काफी बर्बादी हुई। सड़क पर क्षमता से अधिक भार वाले वाहनों के वाहनों के आवागमन से धंसकर कई जगह सड़क में तीन से चार फीट गहरे गड्ढे बन गए। बरसात में इन गड्ढों में पानी भर जाता है। सरकार बसावटों को सड़क मार्ग से जोड़ने की बात करती है। यहां दो राज्यों व दो प्रखंडों को जोड़ने वाला पथ बदहाल है। तीन वर्ष पूर्व सड़क निर्माण के लिए सर्वे हुआ था। दो माह पूर्व इस सड़क का टेंडर हुआ। लेकिन अभी तक संवेदक द्वारा निर्माण कार्य शुरू नहीं किया गया। ग्रामीणों को समझ में नहीं आता है की इस पथ का कब जीर्णोद्धार होगा। जनप्रतिनिधियों के आश्वासन पर ग्रामीणों को उम्मीद थी की बरसात से पहले जीटी-जिगिना पथ का जीर्णोद्धार हो जाएगा। लेकिन अभी तक निराशा हाथ लगी है।इस संबंध में पूछे जाने पर ग्रामीण कार्य विभाग के कार्यपालक अभियंता चंद्रदेव मंडल ने बताया कि जीटी रोड से जिगिना-दुघरा जाने वाले पथ की दुर्दशा से विभाग अवगत है। गत वर्ष इस सड़क के निर्माण का प्रस्ताव पटना भेजा गया था। जिसकी स्वीकृति मिलने के बाद टेंडर हो चुका है। दुर्भाग्यवश संवेदक की चपेट में आ गए। जिससे अभी तक निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सका। इस वर्ष मानसून के साथ ही काफी बारिश बारिश हो गयी। खेतों में पानी भर गया है। जैसे ही पानी सूखता है, निर्माण कार्य शुरू हो जायेगा।