छठे लोस चुनाव में जगजीवन राम को मिले थे 78 प्रतिशत वोट
सासाराम संसदीय पर जगजीवन राम ने मजबूत पकड़ काफी दिनों तक बनाए रखा था। इस सीट पर कुल सात बार सांसद बने। इस दौरान कई पार्टियां भी उन्होंने बदली। सांसद रहते हुए उन्होंने संसदीय क्षेत्र के सासाराम व कैमूर के लिए काफी काम किए।
सासाराम संसदीय पर जगजीवन राम ने मजबूत पकड़ काफी दिनों तक बनाए रखा था। इस सीट पर कुल सात बार सांसद बने। इस दौरान कई पार्टियां भी उन्होंने बदली। सांसद रहते हुए उन्होंने संसदीय क्षेत्र के सासाराम व कैमूर के लिए काफी काम किए। उनकी देन से ही कैमूर को इंद्रपूरी बराज के माध्यम से पानी मिलने लगा और कभी बंजर रहने वाले पहाड़ी क्षेत्रों के खेत लहलहा रह है। किसानों के लिए ज्यादा अग्रसर रहने वाले जगजीवन राम इसी लिए सभी के चहेते काफी दिनों तक बने रहे और सासाराम संसदीय क्षेत्र के लोगों ने उनको भरपूर प्यार देकर संसद तक पहुंचाया। यहीं नहीं उन्होंने किसानों की मांग को देखते हुए करमचट डैम यानी की दुर्गावती जलाशय का नींव भी रखा था। जलाशय को बनाने के लिए तीन गांव को दूसरे जगहों पर शिफ्ट किया गया था।
बात उन दिनों की है कि जब सासराम संसदीय क्षेत्र में 1977 के मतदान हो रहे थे। 1977 में 16 मार्च को मतदान हुया था। जहां कि 6,55,030 मतदाताओं को अपना सांसद चुनना था। किसानों की समस्या को निपटाने के लिए अग्रसर रहने वाले जगजीवन राम को दोनों संसदीय क्षेत्र के वोटरों ने 78.49 प्रतिशत मत दिया। 1977 में कुल 6,55,030 मतदाताओं में से 4,25,637 मतदाताओं ने वोट किया। वहीं मतदान में पड़े हुए वोटों में से 417876 सही पाए गए। वहीं 7761 मतदान रिजेक्ट किए गए। उस समय भारतीय लोक दल के प्रत्याशी जगजीवन राम को 78.49 यानी की 3,27,995 वोट मिले थे। जबकि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उम्मीदवार मुंगेरी लाल को 84185 यानी की मतदान पड़े वोटों में से 20.15 प्रतिशत व भारतीय राष्ट्रीय लोक दल के उम्मीदवार राम प्रसाद दास को 1.36 प्रतिशत यानी की 5696 वोट ही पड़े थे।