विकास के दौड़ में शिक्षा को वार्ड एक में नहीं मिली जगह
भभुआ। नगर के किसी वार्ड के विकास का दावा किया जाए और उसमें शिक्षा को कोई जगह नहीं
भभुआ। नगर के किसी वार्ड के विकास का दावा किया जाए और उसमें शिक्षा को कोई जगह नहीं मिले तो वह विकास कोई मायने नहीं रखता। क्योंकि देश का भविष्य कहे जाने वाले बच्चों को शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए जिस वार्ड में स्कूल या आंगनबाड़ी केंद्र ही न हो वहां कितना विकास होगा यह सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। नगर के सबसे पहला वार्ड एक का क्षेत्र कम नहीं है। लेकिन इस वार्ड में आज तक स्कूल के लिए जमीन नहीं मिला। इस स्कूल के सरकारी विद्यालय को नगरपालिका मध्य विद्यालय में चलाया जाता है। साथ ही आंगनबाड़ी केंद्र भी नहीं है। वार्ड में अतिक्रमण की समस्या पूर्व की तरह आज भी है। इसे हटवाने के लिए वार्ड पार्षद का किया गया कोई भी प्रयास सफल नहीं हो रहा है। सड़कों पर मवेशियों को बांधने से सड़कों की चौड़ाई काफी कम हो गई है। जिसके चलते वाहनों को लेकर आना-जाना लोगों को मुश्किल हो रहा है। हालांकि वार्ड में नाली-गली का निर्माण कार्य काफी हुआ है। लेकिन वार्ड एक में पीएचईडी विभाग से बनी पानी टंकी आज तक शुरू नहीं हो सकी। आज इस पानी टंकी के आसपास मवेशियों को बांधा जा रहा है।
खतरनाक बन चुका है अष्टभुजी चौक-
वार्ड एक का सबसे खास जगह अष्टभुजी चौक काफी खतरनाक बन चुका है। यहां से होकर गुजरी नहर पर बने पुल की एक तरफ की चारदीवारी टूट गई है। जिससे लोगों को वाहन लेकर आने-जाने में दुर्घटना का भय बना रहता है। इस चारदीवारी के टूटने से चार पहिया वाहनों को लेकर आने वाले लोगों को दो बार आगे-पीछे करके ही वाहन को निकालना पड़ता है। वहीं स्कूली बसों को इस पुल पर घुमाने में चालकों को काफी परेशानी होती है।
टोंका फंसा कर जलाई जा रही बिजली
वार्ड एक के कई गलियों में आज भी टोंका फंसा कर बिजली घरों में जलाई जा रही है। कई गलियों में बिजली के तार इस तरह लटके हैं कि लोग अपने घरों की छत पर चढ़ कर हाथ बाहर करें तो बिजली के तार स्पर्श कर जाएंगे। कई गलियों में बांधे गए मवेशी के ऊपर से बिजली के तार गुजर रहें हैं। यदि तार गिरे तो कई मवेशियों की जान जा सकती है।
वार्ड तीन के लोग भी वार्ड एक के बने हैं मतदाता -
इस वार्ड में सबसे बड़ी समस्या है कि कुछ वार्ड तीन के लोग भी मतदाता है। जिनके लिए यह समस्या काफी विकट है। उन्हें अपनी समस्या के निष्पादन कराने को लेकर काफी परेशानी झेलनी पड़ती है। उन्हें अपनी समस्या वार्ड एक के पार्षद को बतानी पड़ती है, लेकिन उनका कोई कार्य नहीं हो पाता है। क्योंकि उनका घर वार्ड तीन में पड़ता है।
क्या कहते हैं लोग
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अजय कुमार - वार्ड में गली-नाली का कार्य हुआ है। पहले से स्थिति काफी सुधरी है। इस वार्ड में अतिक्रमण की समस्या काफी विकट है। जो अब तक दूर नहीं हो सकी। लेकिन कुछ वार्ड तीन के लोग इस वार्ड में मतदाता हैं। उन्हें अपनी समस्याओं को दूर कराने के लिए परेशानी हो रही है।
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सूरज कुमार - वार्ड में अष्टभुजी चौक पर पुल की चारदीवारी टूटने से काफी परेशानी हो रही है। स्कूली बसों को इस रास्ते से लेकर आना-जाना मुश्किल हो रही है। विवश होकर बस चालक बच्चों को यहीं से उतार कर लौट जाते हैं। वहीं लटकते बिजली के तारों से भी लोगों को खतरा होने की आशंका बनी रहती है।
क्या कहती हैं पार्षद-
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उर्मिला देवी - दो बार पूर्व में वार्ड पार्षद रहे बलदाऊ ¨सह की पत्नी उर्मिला देवी को तीसरी बार वार्ड नंबर एक का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला। वर्ष 2017 में नौ जून के बाद शुरू हुए कार्यकाल से अब तक उर्मिला देवी के द्वारा विकास के कार्य कराए गए। लेकिन अब भी कई कार्य अधूरे हैं। उन्होंने बताया कि 19 गली का निर्माण कार्य बाकी था। जिसमें तीन गली का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। जिसमें एक महिला कॉलेज से आगे में 13.99 लाख व दूसरा रामपुर कालोनी में 17 लाख का। वहीं वार्ड एक में नल जल योजना से 49.55 लाख का कार्य होना है। जिसमें बो¨रग का कार्य पूर्ण हो चुका है और घरों तक पाइप बिछाने का कार्य भी लगभग पूरा हो चुका है। उन्होंने बताया कि बिजली कालोनी के पास प्याऊ बनाने का कार्य भी कराने की योजना है। उन्होंने बताया कि वार्ड में लगभग 60 बल्ब लगाए गए थे। लेकिन इसमें कुछ खराब हो चुके हैं। जिन्हें बदलवाने के लिए नगर परिषद में प्रस्ताव रखा गया है।
कहते हैं वार्ड पार्षद प्रतिनिधि -
वार्ड पार्षद प्रतिनिधि बलदाऊ ¨सह ने बताया कि वार्ड में स्कूल व आंगनबाड़ी के लिए पूर्व में पदाधिकारियों के यहां कई बार आवेदन दिया गया है। लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। वर्ष 2017 से पूर्व अपने कार्यकाल में भी वार्ड एक में विकास के कई कार्य कराए गए। कई गलियों के पक्कीकरण सहित नालियों का निर्माण करा दिया गया था।