जांच में खुली शिक्षा व्यवस्था की पोल, विद्यालय में मिली कई खामियां
कैमूर के जिलाधिकारी डॉ. नवल किशोर चौधरी के निर्देश पर पदाधिकारियों द्वारा की जा रही जांच में शिक्षा
कैमूर के जिलाधिकारी डॉ. नवल किशोर चौधरी के निर्देश पर पदाधिकारियों द्वारा की जा रही जांच में शिक्षा व्यवस्था की पोल खुल रही है। विद्यालयों में एमडीएम में फर्जीवाड़े का खेल बदस्तूर जारी है। मेन्यू के अनुसार बच्चों को भोजन उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। रसोई घर में सफाई का ध्यान नहीं रखा जा रहा है। विद्यालय से संबंधित विभिन्न पंजियां प्रधानाध्यापक के घर की शोभा बढ़ा रही हैं। पंजियों का समय से संधारण नहीं हो रहा है। नामांकित बच्चों में भले ही आधे से भी कम विद्यालय में पढ़ने के लिए आ रहे हों लेकिन कागज में पोषाहार जरूर ग्रहण करते हैं। आंगनबाड़ी केंद्रों का भी बुरा हाल है। केंद्र पर बच्चों की संख्या एक दहाई भी नहीं है। कहीं सेविका व सहायिका के बिना ही बच्चे केंद्र में बैठते हैं तो कहीं दोनों में से कोई एक ही केंद्र चला रहा है। आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों को पोषाहार भी नसीब नहीं होता। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रखंड के विद्यालयों व आंगनबाड़ी केंद्रों की क्या स्थिति है। मंगलवार को मोहनियां के बीडीओ अरुण ¨सह ने बेलौड़ी गांव स्थित कन्या मध्य विद्यालय के साथ चार आंगनबाड़ी केंद्रों का औचक निरीक्षण किया। जिसमें कई खामियां उजागर हुई। बीडीओ ने बताया कि मध्य विद्यालय बेलौड़ी में 565 बच्चे नामांकित हैं। जिसमें 265 बच्चे विद्यालय में उपस्थित थे। इतने बच्चों के लिए मध्याह्न भोजन में मात्र 10 किलो चावल बना था। जबकि सरकारी मानक के अनुरूप 265 बच्चों के लिए 30 किलो चावल बनना चाहिए। रसोईंघर में साफ सफाई की व्यवस्था नहीं थी। जहां भोजन बन रहा था वहां काफी गंदगी थी। यह गंभीर बात है। पूरे देश में स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है।यहां विद्यालय में ही गंदगी है। मेनू के अनुसार मंगलवार को सोयाबीन व पालक की सब्जी बननी चाहिए। लेकिन उक्त विद्यालय में सिर्फ आलू और बैगन की सब्जी बनी थी। छात्र छात्राओं की उपस्थिति कम होने के बावजूद एमडीएम पंजी में प्रतिदिन तीन सौ से अधिक बच्चों के लिए भोजन बनने की बात दर्ज की गई है। 28 अप्रैल के बाद एमडीएम पंजी का संधारण नहीं हुआ था। विद्यालय में एमडीएम पंजी, निरीक्षण पंजी, सामग्री पंजी, अवकाश पंजी नहीं रखा गया था। इसमें घालमेल करने के लिए प्रधानाध्यापक ने अपने घर में रखा है। जांच में विद्यालय के तीन शिक्षक छुट्टी पर थे। जबकि नियमानुसार एक दिन में दो से अधिक शिक्षकों को छुट्टी नहीं देना है। यह प्रधानाध्यापक के मनमाने को दर्शाता है। वही आंगनबाड़ी केंद्र 12, 13, 14 व 137 का निरीक्षण किया गया। जिसमें 137 पर व्यवस्था संतोषजनक थी। बच्चों की उपस्थिति अच्छी थी। पोषाहार भी बन रहा था। लेकिन आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 12 पर मात्र तीन बच्चे उपस्थित थे। नौ बजे तक यहां सेविका और सहायिका दोनों नहीं पहुंची थी। केंद्र 13 पर मात्र 5 बच्चे थे। यहां सहायिका अनुपस्थित मिलीं। केंद्र संख्या 14 का भी यही हाल था। इन तीनों केंद्रों पर बच्चों के लिए पोषाहार की व्यवस्था नहीं थी।
बीडीओ ने बताया कि विद्यालय व आंगनबाड़ी केंद्रों पर निरीक्षण के दौरान मिली खामियों से संबंधित रिपोर्ट कैमूर के जिलाधिकारी को भेजेंगे। उन्होंने बताया कि डीएम की मंशा है कि विद्यालयों व आंगनबाड़ी केंद्रों की व्यवस्था को सु²ढ़ किया जाए। इसको लेकर लगातार सुबह 8 से 9 बजे के बीच विद्यालयों व आंगनबाड़ी केंद्रों का निरीक्षण किया जाएगा। निरीक्षण में गड़बड़ी पाए जाने पर दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई तय है।