एक साथ चली गई आंगन की ज्योति और खुशी
परिवार में एक ही बार में चार बेटियों की मौत हो जाए, तो घर का आंगन भी रो उठेगा।
कैमूर: परिवार में एक ही बार में चार बेटियों की मौत हो जाए, तो घर का आंगन भी रो उठेगा। बड्ढा गांव निवासी राजेंद्र रजक के घर का आंगन आज सुना हो गया, परिवार की चार बेटियों की मौत गांव के तालाब में डूबने से हो गई। जब बेटियों ज्योति, ,खुशी, खुशबू व पूजा का शव लाया गया तो लगा कि परिवार की खुशियां ही लूट गई। लड़कियों की मां कि चित्कार से सारा माहौल गमगीन था। मां रो-रो कर कह रही थी कि खुशी, खुशबू, ज्योति चल गईल त केकरा खातिर जियब।
नुआंव थाना क्षेत्र के बड्ढा गांव में उस समय वीरानी छा गई जब सगे भाईयों की कुल चार पुत्रियां एक साथ गांव के तालाब में डूब कर मर गई। बड़े भाई राजेंद्र रजक पुत्री ज्योति कुमारी व खुशबू कुमारी व उनके छोटे भाई स्व. सुरेंद्र रजक की पुत्री पूजा कुमारी व खुशी कुमारी एवं पड़ोसी सुभाष कुशवाहा की पुत्री लाडली कुमारी सोमवार को गांव के ही तालाब में डूब कर मर गई। जब एक साथ दोनों भाईयों के दो-दो पुत्रियों के शव को तालाब से निकाला गया तो उनके परिजनों की स्थिति किसी विक्षिप्त नहीं थी। हो भी क्यों न एक साथ ज्योति व खुशी की मौत का सदमा कैसे मां-बाप सहेंगे। राजेंद्र रजक की पुत्री ज्योति व खुशबू व उनके भाई स्व. सुरेंद्र रजक की पुत्री पूजा व खुशी अपने पुस्तैनी कार्य में सहयोग कर रही थी। तालाब में जा कर कपड़ा धोना इस परिवार का मुख्य पेशा है। गरीबी की मार इन लड़कियों को आस पास व अन्य गांव के लोगों के कपड़ा धोने को विवश थी। अपने प्रयास से अपने मां-बाप के बोझ को हल्का करने वाली इन चार लड़कियों की मौत से पूरा परिवार सन्नाटे में है, तो गांव भी स्तब्ध है।