चार हजार रिश्वत लेते उपाधीक्षक कार्यालय के प्राधान लिपिक रंगे हाथ गिरफ्तार
सदर अस्पताल के उपाधीक्षक कार्यालय के प्रधान लिपिक को बुधवार की दोपहर बाद सिविल में पुलिस ने आदेशपाल का एरियर बनाने में चार हजार रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। निलंबित कर्मी के पास से निगरानी द्वारा दिए गए कोड युक्त रूपया भी पुलिस ने बरामद कर लिया।
जासं, भभुआ: सदर अस्पताल के उपाधीक्षक कार्यालय के प्रधान लिपिक को बुधवार की दोपहर बाद सिविल में पुलिस ने आदेशपाल का एरियर बनाने में चार हजार रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। निलंबित कर्मी के पास से निगरानी द्वारा दिए गए कोड युक्त रूपया भी पुलिस ने बरामद कर लिया। निलंबित प्रधान लिपिक के विरूद्ध भ्रष्टाचार अधिनियम के अंतर्गत प्राथमिकी दर्ज करते हुए आरोपित को जेल भेजने की कार्रवाई की जा रही है। मिली जानकारी के अनुसार नगर के चकबंदी रोड निवासी अनिल कुमार सदर अस्पताल में आदेशपाल के रूप में कार्यरत है। उसने अपना एरियर बनाने का डीएस कार्यालय के प्रधान लिपिक दुर्गावती थाना क्षेत्र के चेहरियां गांव निवासी अनिल कुमार से आग्रह किया। कुल एरियर दस हजार 433 में पचास फीसदी देने की बात शुरू होने के बाद चार हजार में एरियर बनाने की सहमति बनी। इसके बाद आदेशपाल ने मंगलवार को एसपी दिलनवाज अहमद को मामले की लिखित शिकायत देते हुए न्याय की गुहार लगाई। एसपी ने तत्काल इसकी जानकारी जिलाधिकारी को दी। इसके बाद उनकी अध्यक्षता में कार्य करने वाली जिला निगरानी समिति के सदस्य अपर समाहर्ता सुमन कुमार व एएसपी अनंत कुमार राय को जिम्मेदारी सौंपी गई। इनके निर्देश पर सहायक एसडीओं सुजीत कुमार के नेतृत्व में धावादल का गठन किया। टीम में शामिल थानाध्यक्ष रामानंद मंडल, एसआइ रनवीर कुमार, रामकल्याण यादव व डीआइयू प्रभारी संतोष कुमार वर्मा, एएसआइ संतोष कुमार पांडेय आदि ने सिविल में सदर अस्पताल में छापेमारी कर उक्त प्रधान लिपिक को दबोच लिया। साथ ही निगरानी द्वारा कोड किए गए रिश्वत के चार हजार रूपया भी उसके पास से बरामद कर लिया। घटना की जानकारी मिलते ही सीएस ने तत्काल प्रभाव से आरोपित को निलंबित कर दिया। सदर थाना में पहुंचे अस्पताल के एक अन्य आदेशपाल महेंद्र ने भी अपने एक लाख का एरियर बनाने में उक्त प्रधान लिपिक पर 25 हजार मांगने तथा 15 हजार लेने का भी आरोप लगया। एसपी ने बताया कि अस्पताल के अन्य कई कर्मियों ने भी एरियर बनाने में रिश्वत लेने की शिकायत की है। मामले का अनुसंधान पदाधिकारी एसडीपीओं अजय प्रसाद को बनाया गया है। पूरे मामले की जांच कराई जा रही है।