बिहार पर्यटन निगम के होटलों में लटका ताला
बिहार पर्यटन निगम के होटलों में लटका ताला
अपनी लंबित मांगों को ले बिहार पर्यटन विभाग के होटलों में कार्यरत कर्मी गुरुवार को भी हड़ताल पर रहे। ज्ञात हो की बीते 13 सितंबर को होटल कर्मी अनिश्चित कालीन हड़ताल पर चले गए हैं। एक सप्ताह बाद भी विभाग इनकी मांगों पर गंभीर नहीं दिखा। जिससे हड़ताल जारी है।
गुरुवार को कर्मचारियों ने मोहनियां स्थित कैमूर बिहार होटल के मुख्य द्वार पर धरना के साथ विरोध प्रदर्शन किया। होटल में ताला लग जाने से विभाग को काफी आर्थिक क्षति होने का अनुमान है। होटल कर्मियों ने बताया कि सरकार व पर्यटन विभाग होटल कर्मियों की मांगों पर ध्यान नहीं दे रहा है। जिससे राज्य पर्यटन विकास निगम कर्मचारी संघ ने अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया। इससे पूर्व हुए हड़ताल के दौरान सरकार ने जो समझौता किया था उस पर आज तक अमल नहीं हो पाया। उच्च न्यायालय के आदेशों की भी विभाग परवाह नहीं करता। श्रम संसाधन विभाग द्वारा हुई वार्ता में दिए गए निर्देशों की भी अवहेलना हो रही है। इससे साफ जाहिर होता है कि पर्यटन विकास निगम को कर्मचारियों के हितों से कोई मतलब नहीं है। कर्मचारी संघ की प्रमुख मांगों में निगम के नियमित एवं समान वेतन प्राप्त करने वाले कर्मियों को वेतन आयोग की अनुशंसा के अनुरूप वेतन एवं अन्य सुविधा बिहार सरकार में लागू किए जाने की तिथि के प्रभाव से लागू करना,10 वर्ष से कम अवधि से कार्यरत कर्मियों का वेतन पुनरीक्षित करना, मोबिलाइजेशन, एडवांस घोटाला, वाहन चालक घोटाला, टेंडर घोटाला की जांच निगरानी विभाग बिहार सरकार से कराना, समान वेतन भोगी कर्मियों के वेतन विसंगति को दूर करना इत्यादि शामिल है। जबतक पर्यटन विभाग इन मांगों को नहीं मानता तबतक हड़ताल जारी रहेगी। गुरुवार को सातवें दिन भी हड़ताल जारी रही। जिसमें कैमूर होटल के मैनेजर नलिन कुमार सिन्हा, गोपाल प्रसाद, संतोष कुमार, अशोक कुमार मधुकर, संतोष पाठक, कुणाल कुमार, भोला प्रसाद, महावीर, सुजीत एवं राहुल शामिल रहे।