किसानों को नहीं मिला डीजल अनुदान
पिछले दो महीने से बरसात नहीं होने से चांद के किसान सूखे की चपेट में हैं।
कैमूर। पिछले दो महीने से बरसात नहीं होने से चांद के किसान सूखे की चपेट में हैं। छोटे-छोटे किसान डीजल पंप सेट के सहारे धान की फसल को सूखने से बचाने में लगे हैं। प्रखंड मुख्यालय के द्वारा डीजल अनुदान वितरण में तेजी नहीं दिखाई जा रही है। जानकारी के अनुसार अभी तक हजार से अधिक किसानों ने अनुदान के लिए आवेदन जमा किया है। किसान सलाहकार के द्वारा किसानों से आवेदन लिया जा रहा है। अभी एक भी किसान के खाते में डीजल अनुदान की राशि नहीं भेजी जा सकी है। ऐसे में सवाल यह खड़ा होता है कि सूखे की मार झेल रहे किसानों को ¨सचाई खत्म होने के बाद डीजल अनुदान मिलने का क्या औचित्य। किसानों ने बताया कि आवेदन जमा किए दो सप्ताह से अधिक दिन होने के बाद भी डीजल अनुदान नहीं मिला। डीजल अनुदान वितरण में कोताही बरतने वाले अधिकारी पर जिलाधिकारी ने सख्त कार्रवाई का आदेश दिया है। प्रखंड में जिलाधिकारी के सख्त कार्रवाई के आदेश के बाद भी डीजल अनुदान वितरण करने में कोताही बरती जा रही है। चांद के भरारी कला, लोहदन, सौखरा पंचायत में किसान पूरी तरह डीजल पर निर्भर हैं। इन किसानों को समय से डीजल अनुदान की राशि मिल जाती तो धान फसल बचाने में मदद मिलती। इस संबंध में बीडीओ कृष्ण कुमार से मोबाइल पर बात नहीं हो सकी। वहीं बीएओ कन्हैया ¨सह ने बताया कि 850 किसानों को डीजल अनुदान देने की सूची तैयार है।