अब पंचायत जनप्रतिनिधियों की संपत्ति पर रहेगी विभाग की नजर
जिले के पंचायत के जनप्रतिनिधियों को अपनी संपत्ति का भी ब्योरा अब पंचायती विभाग को देना होगा। इसके लिए विभाग तैयारी कर चुका है। जिसमें अब त्रिस्तरीय पंचायत के जनप्रतिनिधियों को हर साल अपनी संपत्ति का ब्योरा देना होगा।
जिले के पंचायत के जनप्रतिनिधियों को अपनी संपत्ति का भी ब्योरा अब पंचायती विभाग को देना होगा। इसके लिए विभाग तैयारी कर चुका है। जिसमें अब त्रिस्तरीय पंचायत के जनप्रतिनिधियों को हर साल अपनी संपत्ति का ब्योरा देना होगा। हर वर्ष प्रतिनिधियों से उनके चल और अचल संपत्ति का लिखित रूप में ब्योरा लिया जाएगा। इसके बाद जिले की ही वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा। सरकार व विभाग द्वारा आगामी 31 दिसंबर तक तिथि तय की गई है की जिलाधिकारी सभी जन प्रतिनिधियों से जानकारी लेकर वेबसाइट पर अपलोड करवाएं तथा इसकी जानकारी विभाग को भी दें। जिला में भी ऐसा पहली बार किया जा रहा है। विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अगले साल से हर साल जन प्रतिनिधियों को इसकी रिपोर्ट फॉर्मेट में भर कर देना होगा तथा इसकी जांच भी की जाएगी।
भ्रष्टाचार पर लगेगी रोक:
हर साल जन प्रतिनिधियों की संपत्ति का रिपोर्ट विभाग द्वारा लेने से भ्रष्टाचार पर रोक लगेगी। जिले के कई जगहों से ऐसी रिपोर्ट आती थी की जन प्रतिनिधि द्वारा काम नहीं किया जा रहा है तथा अपने काम में राशि खर्च कर रहें हैं। बड़े जन प्रतिनिधियों के साथ साथ वार्ड स्तर के प्रतिनिधि पर भी ध्यान रखा जाएगा। समय समय पर योजनाओं की जांच के साथ साथ प्रतिनिधियों की संपत्ति का भी आकलन किया जाएगा।
हर पंचायत में विभाग देता है 50 लाख:
पंचायती राज विभाग द्वारा जिले के हर पंचायत के विकास के लिए लगभग हर साल 50 लाख रूपये की राशि दिया जाता है। जिसमें मुखिया, पंचायत समिति सदस्य, वार्ड सदस्य व आदि प्रतिनिधि मिलकर अपने पंचायत के विकास में राशि खर्च करते हैं। राशि से कई प्रकार की योजना संचालित होती है।
क्या कहते हैं पदाधिकारी: इस संबंध में पूछे जाने पर जिला पंचायती राज पदाधिकारी सुधीर कुमार ने बताया की विभाग से पत्र आ गया है। निर्देश के आलोक में पालन किया जाएगा।
जिला की कुछ आंकड़े
जिला अध्यक्ष व उपाध्यक्ष की संख्या - 19
मुखिया - 151
उप मुखिया - 151
बीडीसी - 151
प्रखंड प्रमुख - 11
प्रखंड उप प्रमुख - 11
वार्ड सदस्य - 1850