छात्रा की हत्या मामले में हो सीबीआइ जांच : मांझी
रामगढ़ से लौटने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री सह हम(से) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी मोहनियां में प्रेस प्रतिनिधियों से रूबरू हुए। स्थानीय डाक बंगला परिसर में उन्होंने मृत छात्रा के परिजनों द्वारा दी गई जानकारी को एक-एक ¨बदु पत्रकारों से साझा किया।
रामगढ़ से लौटने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री सह हम(से) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी मोहनियां में प्रेस प्रतिनिधियों से रूबरू हुए। स्थानीय डाक बंगला परिसर में उन्होंने मृत छात्रा के परिजनों द्वारा दी गई जानकारी को एक-एक ¨बदु पत्रकारों से साझा किया। उन्होंने कहा कि छात्रा की दुष्कर्म के बाद हत्या से इन्कार नहीं किया जा सकता है। पंजाब नेशनल बैंक के सीएसपी के संचालक द्वारा छात्रा को उसके खाते से पैसा निकासी करने में परेशान किया गया। छात्रा ने जब रामगढ़ थाने में इस आशय की लिखित जानकारी दी तो रामगढ़ पुलिस ने गांव पहुंच कर बीच बचाव कर मामले को रफा-दफा करने का प्रयास किया। पुलिस का काम बीच बचाव करना नहीं है बल्कि दोषी के विरुद्ध एफआइआर दर्ज कर कार्रवाई करना है। इससे जाहिर होता है कि रामगढ़ पुलिस द्वारा दबाव में या मिलीभगत से मामले की लीपापोती की गई।
अजा छात्रा को थाना से आवेदन वापस कराने के नाम पर स्कॉर्पियो में बैठाकर घर से कहीं अन्यत्र ले जाया गया। इसकी निष्पक्ष जांच कर जो दोषी हैं उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। जब पूर्व मुख्यमंत्री से पत्रकारों ने पूछा कि छात्रा की मौत के बाद रामगढ़ में जो बवाल हुआ, पुलिस पदाधिकारियों के साथ कई पुलिसकर्मियों को पीट कर घायल किया गया इस पर उनका क्या कहना है तो उन्होंने कहा कि यह घटना दुखद है। पूरे मामले की सीबीआइ जांच होनी चाहिए। तभी पता चल पाएगा कि घटना के पीछे असलियत क्या है और रामगढ़ में उपद्रव के दौरान कौन-कौन लोग शामिल रहे। उनको भी चिह्नित करने में मदद मिलेगी। मांझी ने कहा कि छात्रा के पिता ने उनके सामने जो मांग रखी है उसमें दोषी के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर त्वरित व निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। यह मामला एससी एसटी का है। इस एक्ट के तहत परिजनों को उचित मुआवजा मिले। गांव के अजा बस्ती के तीन सौ परिवार के लोग दहशत में है कि कब सामूहिक अत्याचार का वे शिकार हो जाएंगे। ऐसी घटना पर रोक लगाने के लिए वहां पुलिस की तैनाती की जाए।
अजा टोला में आने जाने के लिए प्रशासन रास्ता बनवाए। इतने दिन बाद भी अभी तक अजा बस्ती में जाने का रास्ता नहीं है। यह प्रशासन की लापरवाही है। बहुत लोगों के पास रहने की जमीन नहीं है। अधिकतर लोग बिहार सरकार की जमीन पर रहते हैं। उनको बासगीत पर्चा निर्गत कर जमीन आवंटित की जाए। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत उन्हें पक्का माकन बनाने की व्यवस्था की जाए। अजा बस्ती में पेयजल की व्यवस्था नहीं है। वहां आधा दर्जन सरकारी चापाकल की व्यवस्था हो। उनकी जिलाधिकारी से मांग है कि इस पर त्वरित कार्रवाई होनी चाहिए। गांव में कैंप लगाकर अजा बस्ती के लोगों को रहने के लिए जमीन उपलब्ध कराई जाए। अजा बस्ती के छात्रों को विद्यालय में पढ़ने से रोका जा रहा है। ऐसे में उनके पढ़ने लिए अलग प्राथमिक विद्यालय की व्यवस्था हो। प्रेस वार्ता के दौरान हम(से) की प्रदेश महिला कोषांग की अध्यक्ष अनामिका पासवान, गीता पासवान, साधना देवी, कार्यकारी जिलाध्यक्ष मुकेश पासवान इत्यादि उपस्थित रहे।