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डरवन के ऐतिहासिक तालाब का वजूद मिटाने पर तुले हैं लोग

प्रखंड क्षेत्र के डरवन गांव के तालाब का अस्तित्व मिटाने पर लोग तुले हुए हैं। सिसौड़़ा डरवन पथ पर रामजानकी मंदिर के पास 35 बीघा के भूखंड पर स्थापित यह ऐतिहासिक तालाब सिकुड़कर रह गया है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 26 Aug 2019 10:52 PM (IST)Updated: Tue, 27 Aug 2019 06:41 AM (IST)
डरवन के ऐतिहासिक तालाब का वजूद मिटाने पर तुले हैं लोग
डरवन के ऐतिहासिक तालाब का वजूद मिटाने पर तुले हैं लोग

प्रखंड क्षेत्र के डरवन गांव के तालाब का अस्तित्व मिटाने पर लोग तुले हुए हैं। सिसौड़़ा डरवन पथ पर रामजानकी मंदिर के पास 35 बीघा के भूखंड पर स्थापित यह ऐतिहासिक तालाब सिकुड़कर रह गया है। जिस कारण इस तालाब का वजूद मिटने के कगार पर है। एक समय था जब इस तालाब में योगी राज देवरहवा बाबा इस जगह आकर इसी तालाब में स्नान किए थे। उस वक्त इस तालाब का नामकरण उनके द्वारा कुसुम सरोवर रखा गया था। जहां आज भी रामजानकी मंदिर के संत 1008 शेषदास जी महाराज इसमें स्नान करते हैं। तब इस तालाब के पानी को लोग अमृत समझ पीते थे। स्नान करने से पहले इस कुसुम सरोवर के जल को माथे पर लगाते थे। लेकिन बदलते हुए परिवेश में सब कुछ खत्म हो गया।

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जिस तालाब के जल को लोग अपने लिए संचय करते थे, अब उसी तालाब में मवेशियों का मल मूत्र फेंक इस पानी को दूषित कर रहे हैं। इस ऐतिहासिक तालाब के चारो पिड पर लोगों ने अवैध तरीके से कब्जा कर लिया है। उत्तर दिशा में पिड पर मवेशियों को बांधकर पर्यावरण संरक्षण के दृष्टिकोण से लगे पौधों को भी नष्ट किया जा रहा है। कुछ हिस्से में उपला भी रखा गया है। उत्तर व दक्षिण के पिड पर लोग मकान बनाकर कब्जा कर लिए हैं। हैरत की बात तो यह है कि पोखरे के पिड से सटे विद्यालय को जाने वाले मार्ग को भी लोग अतिक्रमण कर लिए हैं। जिस कारण विद्यालय के शिक्षकों व छात्रों को पगडंडी पकड़ कर स्कूल आना जाना पड़ता है। धीरे धीरे तालाब के चारों दिशा में लोग मकान भी बना लिए हैं।

ऐसे प्रकृतिक धरोहर को संवारने की दिशा में कोशिश नहीं हुई। जिस कारण इसमें का जल भी दूषित हो गया। धीरे धीरे इस तालाब को लोगों के द्वारा अतिक्रमण किया जाने लगा। इतना सब कुछ होने के बाद प्रशासन की नजरें इस तरफ इनायत नहीं हो सकी। प्रशासन की उदासीनता के कारण जलस्रोतों के वजूद को लोग मिटाने पर लगे हुए हैं। समय रहते इन अक्षुण धरोहरों को संवारने व बचाने की दिशा में सकरात्मक पहल प्रशासन के द्वारा नहीं हुई तो इसे मिटते देर नहीं लगेगा। क्या कहते हैं लोग -

फोटो नंबर- 15 डॉ. एम के उपाध्याय:

जल ही जीवन है। बगैर इसके मानव का जीवन अधूरा है। ऐसे महत्वपूर्ण तालाबों को सरकार के स्तर से पहल कर इसके जीर्णोद्धार की पहल करनी होगी। फोटो नंबर- 16 डॉ. संतोष सिंह:

सरकार की कोशिश तालाबों के साथ जलस्रोतों को बचाने के लिए बहुत पहले ही करनी चाहिए थी। फिर भी जल स्त्रोतों को बचाने की कोशिश जो सरकार द्वारा शुरू की गई है वह रंग लाएगी। क्या कहते हैं सीओ -

फोटो नंबर- 17

सभी तालाबों को अतिक्रमणमुक्त कराने की दिशा में कार्रवाई शुरू कर दी गई है। हल्का कर्मचारी व सीआई को अमीन के साथ रख कर तालाबों की पैमाइश कराई जा रही है। नहीं हटाने पर बलपूर्वक तालाबों से अतिक्रमण हटा अतिक्रमणकारियों पर प्राथमिकी भी दर्ज की जाएगी।

- हेमेंद्र कुमार, अंचलाधिकारी


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