अनदेखी के कारण गोड़सरा गांव के तालाब के अस्तित्व पर संकट
तालाबों का कितना महत्व है यह फिलहाल सरकार बखूबी जान गई है। इसी को देखते हुए सरकार द्वारा जल-जीवन-हरियाली मिशन की शुरुआत की गई है लेकिन अब तक स्थानीय पदाधिकारी व लोग इस महत्व से लगता है अनजान है।
तालाबों का कितना महत्व है यह फिलहाल सरकार बखूबी जान गई है। इसी को देखते हुए सरकार द्वारा जल-जीवन-हरियाली मिशन की शुरुआत की गई है, लेकिन अब तक स्थानीय पदाधिकारी व लोग इस महत्व से लगता है अनजान है। इसलिए तो रामगढ़ प्रखंड में तालाब की जमीन का भी बंदोबस्ती कर दिया गया है और आमलोग अपने स्वार्थ में तालाब की जमीन का अतिक्रमण भी कर लिए हैं। प्रखंड के गोड़सरा गांव का तालाब 94 डिसमिल के भूखंड पर स्थापित था।
आज इस तालाब का वर्तमान स्वरूप बिल्कुल बदल गया है। चारों तरफ से घर मकान बनाकर लोग इसका अतिक्रमण कर चुके हैं। कुछ भूखंड को अंचल द्वारा बंदोबस्त भी लोगों को किया जा चुका है। धीरे-धीरे यह तालाब सिकुड़ता जा रहा है। तालाब के बचे हुए भाग को अतिक्रमण करने की होड़ लगी हुई है। जबकि सरकार के द्वारा जल संचय व प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए जलस्रोतों को अतिक्रमण मुक्त करने का फरमान जारी है। तालाबों के जीर्णोद्धार की बात तो दूर मिट रहे पुराने तालाबों को बचाने की दिशा में कोशिश नहीं हो रही है। उप विकास आयुक्त द्वारा सभी अंचलाधिकारी को पत्र इस दिशा में कार्रवाई को लेकर निर्गत होने की बात कही गई है। बावजूद कोई कार्रवाई इस दिशा में होती नहीं दिख रही है। ऐसे प्रखंड क्षेत्र में दो दर्जन से अधिक जलस्त्रोत हैं। जो मिटने के कगार पर पहुंच गया है। कुछ गांवों में तो जलस्रोतों को बेच दिया गया है। जिस पर वर्तमान समय में इमारतें खड़ी है। क्या कहते हैं लोग -
फोटो नंबर- 09
सिटू तिवारी, ग्रामीण
- गोड़सरा गांव के तालाब के बारे में स्थानीय जनप्रतिनिधि व लोग नहीं जागरूक हैं। जबकि यह तालाब एक समय काफी लाभदायक था। आज तालाब में इतना भी पानी नहीं है कि लोग कुछ कार्य के लिए उपयोग में ला सके। फोटो नंबर- 10
चंदन चौबे, ग्रामीण
गोड़सरा गांव के तालाब की जमीन की बंदोबस्ती कर दी गई। यह तो सबसे गंभीर मामला है। जबकि सरकार के स्तर से पूर्व से ही जल संरक्षण के लिए कवायद की जा रही है। इसके बाद भी इस तालाब को लेकर कोई गंभीर नहीं हुआ। क्या कहते हैं अधिकारी:
फोटो नंबर- 11
सभी तालाबों को अतिक्रमणमुक्त कराने की दिशा में कार्रवाई शुरू कर दी गई है। प्रखंड के ऐसे सभी तालाबों को चिह्नित कर लिया गया है। पैमाइश का कार्य शुरू करा दिया गया है। यह कार्य पूरा होते ही अभियान चला कर तालाबों को अतिक्रमण मुक्त किया जाएगा।
- हेमेन्द्र कुमार, अंचालिधकारी, रामगढ़