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जिले के अजजा आवासीय विद्यालयों की शिक्षा व्यवस्था बदहाल

पेज दो - - स्नातक मैट्रिक प्रशिक्षित शिक्षकों की विद्यालयों में भारी कमी - कैमूर जिले में संचालित हो रहे नौ आवासीय विद्यालय जासं भभुआ राज्य सरकार अजजा समाज के बच्चों को बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए जिले के मैदानी व पहाड़ी क्षेत्रों में नौ

By JagranEdited By: Published: Sat, 07 Sep 2019 04:51 PM (IST)Updated: Sat, 07 Sep 2019 04:51 PM (IST)
जिले के अजजा आवासीय विद्यालयों की शिक्षा व्यवस्था बदहाल
जिले के अजजा आवासीय विद्यालयों की शिक्षा व्यवस्था बदहाल

कैमूर। राज्य सरकार अजजा समाज के बच्चों को बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए जिले के मैदानी व पहाड़ी क्षेत्रों में नौ विद्यालयों की स्थापना की है। जिले में संचालित हो रहे सभी विद्यालयों में बच्चों का पठन-पाठन कराया जा रहा है। लेकिन इन सभी विद्यालयों में स्वीकृत पद के आलोक में शिक्षकों की भारी कमी है। जिसके चलते आवासीय विद्यालयों की शिक्षा बदहाली की ओर बढ़ती जा रही है। विभाग की माने तो इसकी सूचना राज्य मुख्यालय को पत्राचार के माध्यम से बराबर की जा रही है। इसके बावजूद भी शिक्षकों के रिक्त पद पर अभी तक नियुक्ति की प्रक्रिया प्रारंभ नहीं हुई है। कल्याण विभाग से मिली जानकारी के अनुसार अनुसूचित जाति आवासीय विद्यालय भभुआ में स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक के नौ पद स्वीकृत हैं। वर्तमान में तीन शिक्षक पठन-पाठन करा रहे हैं। जबकि सात शिक्षकों के पद रिक्त पड़े हैं। इसी तरह मैट्रिक प्रशिक्षित में सात शिक्षकों के पद स्वीकृत हैं। पांच पठन-पाठन करा रहे हैं। दो पद रिक्त हैं। वही कुदरा अनुसूचित जाति आवासीय विद्यालय में स्नातक प्रशिक्षित के नौ पद स्वीकृत हैं। सात शिक्षक वर्तमान में अध्यापन कार्य करा रहे हैं। दो पद रिक्त हैं। जबकि मैट्रिक प्रशिक्षित में सात पद स्वीकृत हैं। वर्तमान में तीन शिक्षकों द्वारा बच्चों को पठन-पाठन कराया जा रहा है। चार शिक्षकों के पद खाली पड़े हैं। अनुसूचित जनजाति आवासीय विद्यालय देवरी अधौरा में स्नातक प्रशिक्षित शिक्षकों के नौ पद स्वीकृत हैं। वर्तमान में तीन शिक्षकों द्वारा छात्र छात्राओं को पठन-पाठन का कार्य कराया जा रहा है। जबकि छह शिक्षकों के पद खाली पड़े हैं। वहीं मध्य विद्यालय कोल्हुआं अधौरा में मैट्रिक स्नातक के सात पद स्वीकृत हैं। तीन कार्यरत हैं। चार पद आज भी रिक्त पड़े हैं। इसी तरह मध्य विद्यालय सड़की में भी मैट्रिक का स्नातक के सात पद स्वीकृत हैं। दो शिक्षकों द्वारा पठन-पाठन कराया जा रहा है। जबकि पांच शिक्षकों के पद खाली पड़े हैं। वहीं मध्य विद्यालय सेमरा चैनपुर में भी प्रशिक्षित मैट्रिक सात शिक्षकों के पद स्वीकृति है। जिसके आलोक में दो शिक्षकों द्वारा ही छात्रों को पठन-पाठन कराया जा रहा है। इसके अलावा मसानी मध्य विद्यालय में भी मैट्रिक प्रशिक्षित शिक्षकों के सात पद स्वीकृति के आलोक में मात्र दो ही शिक्षक पठन-पाठन करा रहे हैं। जबकि आज भी 5 शिक्षकों के पद खाली पड़े हैं। खाली पड़े शिक्षकों के पद के चलते विषयवार छात्रों की पढ़ाई होने में कठिनाई आ रही है। क्या कहते जिला कल्याण पदाधिकारी:

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इस संबंध में पूछे जाने पर जिला कल्याण पदाधिकारी रवि कुमार सिंहा ने बताया कि जिला मुख्यालय भभुआ, कुदरा व पहाड़ी प्रखंड अधौरा में आवासीय विद्यालय संचालित हैं। संचालित सभी विद्यालयों में शिक्षकों की कमी के संबंध में लगातार पत्राचार किया जा रहा है। जिला कल्याण पदाधिकारी ने कहा कि विद्यालयों में जो अध्यापक हैं उनके माध्यम से पठन-पाठन बेहतर ढंग से कराया जा रहा है। ताकि बच्चों की शिक्षा अनवरत रूप से चलती रहे।


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