लॉकडाउन को सफल बनाने में सहयोग कर रहे पेट्रोल पंप संचालक
लॉकडाउन को सफल बनाने में सहयोग कर रहे पेट्रोल पंप संचालक
देश में इस समय कोरोना को लेकर सभी लोग अपने घरों में हैं। लेकिन पेट्रोल पंप मालिक व कर्मी अपनी सेवा नियमित दे रहे हैं। जबकि पेट्रोल पंप संचालन में उन्हें नुकसान भी हो रहा है। लेकिन सरकार का सहयोग करने के लिए पेट्रोल पंप मालिक पीछे नहीं हट रहे। बता दें कि पेट्रोल पंप के एक दिन के संचालन में लगभग पांच- छह हजार रुपये का खर्च आता है। विगत 22 मार्च से एक पेट्रोल पंप की औसत आय मात्र डेढ़ से दो हजार रुपये के बीच रह गई है। फिर भी सरकारी तंत्रों यथा एंबुलेंस, पुलिस, प्रसाशन, संचार तंत्र के समुचित संचालन के लिए ईंधन की आवश्यकता का एक महत्वपूर्ण स्थान है, जिसे ये पेट्रोल पंप संचालक प्रतिदिन तीन-चार हजार रुपये नुकसान सहकर भी सुचारू रूप से चला रहे हैं। हालांकि अब पेट्रोल पंप संचालकों के संगठन ने भी लगातार हो रहे नुकसान और अपनी टूटती पूंजी से चितित होकर सरकार व ऑयल मार्केटिग कंपनियों से पैकेज की मांग करना शुरू कर दिए हैं। लेकिन अबतक कोई आश्वासन इन्हें कहीं से नहीं मिल पाया है। लेकिन इनकी सेवा भावना को हमें अवश्य सलाम करने की आवश्यकता है। जिससे देश पर आए इस संकट में इनके इस योगदान को सराहा जा सके। यही नहीं स्वास्थ्य कर्मियों औऱ पुलिसकर्मियों के बाद सबसे अधिक कोरोना संक्रमण का खतरा भी पेट्रोल पंप कर्मियों को है। क्योंकि दिनभर में विभिन्न लोगों से इनके नजदीकी संपर्क स्थापित हो रहे हैं। कई पेट्रोल पंप संचालकों का परिवार तो डर के मारे अपने उस सदस्य को आइसोलेशन में रखा हुआ है जो अपने पंपों के संचालन का कार्य देखते हैं। पेट्रोल पंप कर्मियों की इस समस्या को देखते हुए तेल की मार्केटिग कर रही कंपनियों ने इस संकट के बीच तेल बिक्री करने वाले कर्मचारियों को एक लाख रुपये का मेडिकल बीमा का कवर दिया है। लेकिन पंप संचालकों के लिए अभी तक कोई पैकेज की घोषणा नहीं हुई है। इस बात की जानकारी डीलर के जिला कोषाध्यक्ष हरेंद्र प्रसाद सिंह ने दी।