एक ही कमरे में रहते हैं अग्निशमन विभाग के 16 कर्मी
कोरोना वायरस से बचाव को फिजिकल डिस्टेसिग नहीं कर पा रहे कर्मी -भवन के आसपास काफी गंदगी आने जाने में बंद करना पड़ता है मुंह नाक संवाद सहयोगी भभुआ सरकार का निर्देश है कि फिजिकल डिस्टेंसिग बनाया जाए। जिससे कोरोना संक्रमण को रोका जाए। इस सुझाव पर अ
सरकार का निर्देश है कि फिजिकल डिस्टेंसिग बनाया जाए। जिससे कोरोना संक्रमण को रोका जाए। इस सुझाव पर अग्निक अमल करना चाहते हैं लेकिन संभव नहीं। दरअसल अग्निश्मन विभाग को पुलिस लाइन में पूर्व व दक्षिण के कोने में एक भवन मिला हुआ है। जिसमें कुछ बिहार पुलिस के जवान तो एक कोने में अग्निश्मन विभाग के अग्निक रहते हैं। हाल बद से बदतर। करीब 20 फिट का एक हॉल। जिसमें 16 लोगों का बेड लगा हुआ है। उसी में रहना, खाना, पीना सब कुछ। भवन के चारों ओर इतनी गंदगी की खुद सिपाही व अन्य लोग भी मुंह व नाक ढ़ंक कर आते जाते हैं। कुछ अग्निक ने बताया कि उनको भी संक्रमण का डर लगा रहता है लेकिन करें तो क्या करें। एक ही कमरा है वो भी हॉल। इसलिए उनको रहना मजबूरी है। हॉल में दरवाजा भी नहीं है। कुत्ते भी कभी कभार बर्तन में मुंह डाल देते हैं। ऐसे में खाना भी बर्बाद हो जाता है। नौकरी है निभानी तो है ही। अग्निक ने बताया कि वो एक कमरे में ही कुल 16 लोग रहते है। आस पड़ोस में काफी गंदगी है। पास में नाली का पानी भी जमा होता है। इसकी साफ सफाई नहीं होने से स्थिति काफी खराब है। जबकि पुलिस लाइन नगरपरिषद क्षेत्र में ही आता है। जबकि इसकी साफ सफाई होनी चाहिए। इस मौके पर वाहन चालक राज कुमार, दीपक कुमार, अग्निक सन्नी कुमार, होमगार्ड प्रेमचंद खरवार, यागवेंद्र सिंह, रमेश कुमार,अमीत कुमार के अलावा कई अग्निक आग बुझाकर पहुंचे और अपना दर्द बयां किया।
कमरे में रहने की जगह नहीं, शौचालय का भी बुरा हाल-
अग्निकों ने बताया कि जहां एक ओर उनको रहने की कमरे की कमी हैं तो दूसरी ओर शौचालय व पेयजल की भी स्थिति ठीक नहीं है। चारों ओर गंदगी है। मन में एक भय जैसा माहौल बना रहता है। चापाकल व नल के सहारे ही पेयजल का काम पूरा हो पाता है।
वाहनों को रखने को भी नहीं है जगह-
जानकारी के मुताबिक अग्निश्मन विभाग के वाहनों को रखने के लिए भी उचित जगह नहीं है। जिससे जहां तहां वाहन लगाए जाते हैं। कई बार बरसात में खुले में वाहन रखने पर जंग भी लग जाता है। बरसात के बाद उसकी मरम्मत करानी होती है।
क्या कहते हैं पदाधिकारी-
अभी मुझे प्रभार लिए हुए मात्र एक महीना हुआ है। इसलिए कुछ खास तो नहीं बता सकता लेकिन जहां तक जानकारी है कि भवन के लिए जमीन चयन कर लिया गया है। लेकिन अभी तक भवन बनाने की कवायद शुरू नहीं हो सकी है। आस पड़ोस में काफी गंदगी लगी हुई है। जिससे मच्छर आदि पनपते रहते है। कमरे की कमी से एक ही हॉल में सभी अग्निक रहते हैं।
गणेश प्रसाद यादव - अग्निश्मन पदाधिकारी