मार्च महीने में दस की बजाए 37 एमएम हुई बारिश
पेज दो- - सबसे अधिक अधौरा प्रखंड में 64 एमएम हुई बारिश जासं भभुआ जिले में बेमौसम बारिश होना किसानों के साथ-साथ आमलोगों के लिए मुसीबत बनी हुई है। बारिश से एक तरफ जहां किसान नुकसान सह रहे हैं वहीं दूसरी तरफ व्यवसाय भी प्रभावित हो रहा है। कैमूर जिला पूरी तरह कृषि पर आधारि
जिले में बेमौसम बारिश होना किसानों के साथ-साथ आमलोगों के लिए मुसीबत बनी हुई है। बारिश से एक तरफ जहां किसान नुकसान सह रहे हैं वहीं दूसरी तरफ व्यवसाय भी प्रभावित हो रहा है। कैमूर जिला पूरी तरह कृषि पर आधारित है। यहां के लोगों के लिए जीविका का मुख्य साधन कृषि ही है। कैमूर जिले में उद्योग धंधों का अभाव है। सिर्फ दुकान व अन्य छोटे व्यवसाय से लोगों की जीविका चलती है। कैमूर जिला के किसान यदि संपन्न रहे तो सभी तरह का व्यवसाय ठीक रहता है। लेकिन वर्ष 2019 से लेकर मार्च 2020 के पहले पखवारे तक मौसम की मार ने किसानों के साथ-साथ व्यवसायियों को परेशान कर दिया है। आंकड़ा के अनुसार 14 मार्च तक जिले में 27 एमएम अधिक बारिश हुई है। मार्च माह में अब तक दस एमएम ही बारिश होनी चाहिए। लेकिन बारिश 37 एमएम हो गई। इसमें सबसे अधिक बारिश अधौरा प्रखंड में 64 एमएम हुई है। इसी तरह भभुआ में 40.6, भगवानपुर में 32.8, चैनपुर में 48.2, चांद में 41.6, दुर्गावती में 34.6, कुदरा में 32, मोहनियां में 26.6, नुआंव में 28.4, रामगढ़ में 35, रामपुर में 25.4 एमएम बारिश हुई है।