दवनपुर गांव में नहीं बनी गली-नाली, आंगनबाड़ी केंद्र में रखे जा रहे भूसा
स्थानीय प्रखंड के टोड़ी पंचायत अंतर्गत लगभग दो सौ घरों की आबादी वाला गांव दवनपुर आजादी के सात दशक बाद भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। गांव में गली की नारकीय स्थिति है। जल निकासी के लिए नाली की व्यवस्था नहीं है।
स्थानीय प्रखंड के टोड़ी पंचायत अंतर्गत लगभग दो सौ घरों की आबादी वाला गांव दवनपुर आजादी के सात दशक बाद भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। गांव में गली की नारकीय स्थिति है। जल निकासी के लिए नाली की व्यवस्था नहीं है। अगर रात्रि में या बारिश के दिन में कोई यहां बीमार पड़ जाए तो उसके इलाज के लिए कोई सुविधा नहीं है। उसे किसी तरह से गांव से पांच किलोमीटर दूरी पर स्थित अस्पताल में ले जाना पड़ता है। वहीं बारिश के मौसम में गलियों में जलजमाव की समस्या उत्पन्न हो जाती है। नाली निर्माण नहीं होने से घरों से निकलने वाला गंदा पानी गलियों में ही जमा होता है। गांव के आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चों के बैठने की जगह भूसा रखा गया है। जिसके चलते केंद्र में जगह नहीं बची है। सबसे बड़ा सवाल है कि पिछले एक माह से आंगनबाड़ी सेविका-सहायिकाओं की हड़ताल चल रही थी। ऐसे में आंगनबाड़ी केंद्र में भूसा रखना कैसे संभव है। ग्रामीणों के अनुसार, आंगनबाड़ी केंद्र का संचालन नियमित नहीं होता है। जिसके चलते गांव के बच्चे पढ़ने की बजाए ज्यादा समय खेलकूद में व्यतीत करते हैं।
बो¨रग के बाद बंद है नल जल योजना का कार्य
गांव में बो¨रग के बाद नल जल योजना का कार्य पूरी तरह से बंद है। गांव के कुछ हिस्सों में नल जल योजना के तहत पाइप बिछाया गया, लेकिन जनप्रतिनिधि व पंचायत सचिव के तनातनी के बीच ग्रामीणों को योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। इसके अलावा अब तक गली निर्माण का कार्य भी शुरू नहीं कराया गया है। जिसके चलते गांव में पूर्व की तरह ही गली व नाली की व्यवस्था है। क्या कहते हैं ग्रामीण-
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टप्पू पांडेय: आजादी के बाद अन्य गांवों का जितना विकास हुआ है उसकी तुलना में दवनपुर गांव का कुछ भी विकास नहीं हुआ है। गांव में गली नाली के अलावा अन्य सुविधाएं भी नदारद हैं। जिसके चलते ग्रामीणों को काफी फजीहत हो रही है। फोटो नंबर- 04
तूफानी पासवान: गांव में गली-नाली की समुचित व्यवस्था नहीं होने से जलजमाव हमेशा रहता है। जिसके चलते कई तरह के रोग होने का भय हमेशा बना रहता है। छोटे-छोटे बच्चे गली में हुए जलजमाव में गिरकर घायल भी हो जाते हैं। फोटो नंबर- 05
लाल बिहारी चौधरी: यहां के जनप्रतिनिधि हमेशा दवनपुर गांव के विकास में दिलचस्पी नहीं ले रहें हैं। पंचायत सचिव व जनप्रतिनिधियों के आपसी तनाव के चलते गांव का विकास भी अवरुद्ध है। यह गांव प्रखंड के अन्य गांवों से पीछे है। फोटो नंबर- 06
शिवसुंदरी देवी: वोट लेने के समय जो भी जनप्रतिनिधि आता है वह गांव में विकास करने का वादा करता है। चुनाव जीत जाने के बाद जनप्रतिनिधि नजर नहीं आते। यही कारण है कि गांव में विकास का कार्य नहीं कराया जा रहा है। क्या कहते हैं बीडीओ :
मुझे इसकी कोई जानकारी नहीं मिली है। वैसे आंगनबाड़ी सेविकाओं का हड़ताल चल रही थी फिर भी भवन में भूसा भरा होना गलत बात है। मैं अपने स्तर से जांच करवा कर भवन को खाली करवाता हूं।
- मयंक कुमार ¨सह, बीडीओ सह प्रभारी सीडीपीओ कहते हैं मुखिया-
पंचायत के विकास के लिए जो राशि आती है उसे चयनित योजना के तहत हर गांव में खर्च किया जाता है। दवनपुर गांव में वहां के पंचायत सचिव के बीच तनातनी के चलते विकास का कार्य अवरुद्ध है। जिसकी जानकारी प्रखंड से लेकर जिला तक के पदाधिकारी को भी है।
- राजकुमार पाल, मुखिया