संजीवनी डाटा इंट्री ऑपरेटरों की अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू
जिले के सरकारी अस्पतालों में कार्यरत आउटसोर्सिंग के संजीवनी डाटा इंट्री ऑपरेटर बुधवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए। ऑपरेटर हड़ताल पर रहते हुए डीपीएम कार्यालय के समक्ष धरना पर बैठ गए। इसकी अध्यक्षता डब्लू कुमार व संचालन सचिव प्रयाग नंदन ¨सह ने किया।
जिले के सरकारी अस्पतालों में कार्यरत आउटसोर्सिंग के संजीवनी डाटा इंट्री ऑपरेटर बुधवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए। ऑपरेटर हड़ताल पर रहते हुए डीपीएम कार्यालय के समक्ष धरना पर बैठ गए। इसकी अध्यक्षता डब्लू कुमार व संचालन सचिव प्रयाग नंदन ¨सह ने किया।
धरना में शामिल डाटा इंट्री ऑपरेटरों ने कहा कि पांच मांगों के समर्थन में यह आंदोलन शुरू किया गया है। इसमें पहले से कार्यरत आउटसोर्स डाटा इंट्री ऑपरेटरों को बिना शर्त राज्य स्वास्थ्य समिति या जिला स्वास्थ्य समिति में समायोजन करने, सर्वोच्च न्यायालय के फैसले तथा संविधान के प्रतिपादित नियमों के अनुरूप समान कार्य के लिए बदले समान वेतन के सिद्धांत के अनुरूप आशु लिपिक के देय वेतनमान एवं सुविधा को लागू करने, बकाए पांच माह के वेतन का भुगतान शीघ्र करने एवं हटाए गए डाटा इंट्री अॅापरेटरों को वापस कार्य पर लेने की मांग प्रमुख है। वहीं 11 हजार रुपये मानदेय के बदले आठ हजार रुपये प्रति माह दिया जाता है, तीन हजार रुपये कंपनी द्वारा काट लिया जाता है। ये शोषण पांच सालों से पूरे बिहार में हो रहा है। इसे बंद करने सहित 60 वर्ष तक सेवा सुरक्षित करने की भी मांग शामिल है।
पहले ही दिन मरीजों को हुई परेशानी
डाटा इंट्री ऑपरेटरों की हड़ताल से सभी सरकारी अस्पतालों की कंप्यूटराइज्ड व्यवस्था चरमरा गई। पहले ही दिन सदर अस्पताल में व्यवस्था लड़खड़ाने से मरीजों को परेशानी हुई। प्रतिदिन कंप्यूटर से मरीजों का पंजीयन होता था, लेकिन बुधवार को हड़ताल के कारण मैन्युअल कार्य किया गया। जिसके चलते विलंब होने से मरीजों को काफी इंतजार करना पड़ा। हड़ताल से भारत सरकार के आयुष्मान भारत कार्यक्रम, इंट्री का कार्य आदि प्रभावित होने की उम्मीद जताई जा रही है। धरना में तनुजा ¨सह, शाहनाज बानो, आकृति कुमारी, आरती कुमारी, मोहनाज खातुन, आरती कुमारी, राकेश कुमार, विरेंद्र ¨सह, जितेंद्र कुमार, कुणाल ¨सह, आशीष कुमार ¨सह, रितेश कुमार, महानंद कुमार, अखिलेश मेहता, मनोज कुमार सहित अन्य शामिल थे। डाटा इंट्री ऑपरेटरों की हड़ताल को ध्यान में रखते हुए वैकल्पिक व्यवस्था कर कार्य निपटाने का प्रयास किया जा रहा है। मरीजों को परेशानी न हो इसे लेकर मॉनीट¨रग की जा रही है।
- डॉ. विनोद कुमार, उपाधीक्षक, सदर अस्पताल