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स्वच्छता रैंकिग में भभुआ रोड स्टेशन को मिला 459वां स्थान

पूर्व मध्य रेलवे के अंतर्गत आने वाले पंडित दीनदयाल उपाध्याय-गया रेल खंड पर अवस्थित कैमूर जिले के भभुआ रोड स्टेशन को स्वछता रैंकिग के एनएसजी कैटेगरी में 611 में 459 वां स्थान मिला है। रेल मंत्री द्वारा बुधवार को यह सूची जारी की गई।

By JagranEdited By: Published: Wed, 02 Oct 2019 10:55 PM (IST)Updated: Wed, 02 Oct 2019 10:55 PM (IST)
स्वच्छता रैंकिग में भभुआ रोड स्टेशन को मिला 459वां स्थान
स्वच्छता रैंकिग में भभुआ रोड स्टेशन को मिला 459वां स्थान

पूर्व मध्य रेलवे के अंतर्गत आने वाले पंडित दीनदयाल उपाध्याय-गया रेल खंड पर अवस्थित कैमूर जिले के भभुआ रोड स्टेशन को स्वच्छता रैंकिग के एनएसजी कैटेगरी में 611 में 459 वां स्थान मिला है। रेल मंत्री द्वारा बुधवार को यह सूची जारी की गई। भारतीय रेलवे के वरीय पदाधिकारियों के निर्देश पर क्वालिटी कंट्रोल ऑफ इंडिया (क्यूसीआइ) की टीम ने 28 अगस्त को भभुआ रोड स्टेशन का दो दिवसीय निरीक्षण किया था। रेल मंत्री द्वारा जारी सूची में बी श्रेणी का दर्जा प्राप्त भभुआ रोड स्टेशन को पीईएस में 15 8.26, डीओएस में 248.23,सिटीजन फीडबैक स्कोर (सीएफएस) 247.20 को मिलाकर कुल 459 अंक मिला है। एनएसजी 4 कैटेगरी के 611 में इतना अंक मिलना इस स्टेशन के लिए खुशी की बात है।

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ग्रीन स्कोरिग में इस स्टेशन को नौ अंक मिले हैं। स्वच्छ रेल स्वच्छ भारत अभियान के तहत रेल मंत्रालय स्टेशनों की साफ-सफाई पर ध्यान केंद्रित किए हुए है। यह अलग बात है कि भभुआ रोड स्टेशन पर इस पर विशेष ध्यान नहीं दिया जाता। रेल मंत्री द्वारा जारी स्कोरिग की सूची के बारे में जब भभुआ रोड स्टेशन के प्रबंधक संजय पासवान के मोबाइल पर कॉल किया गया तो संपर्क नहीं हो पाया। सीटीआई अजीत कुमार से पूछा गया तो उन्होंने पहले तो अनभिज्ञता जताई। थोड़ी देर बाद उन्होंने इससे संबंधित जानकारी दी। इस स्कोरिग से भले ही रेलवे के पदाधिकारियों में खुशी हो लेकिन यात्रियों की जब प्रतिक्रिया ली गई तो उन्होंने बताया कि भभुआ रोड स्टेशन पर मानक के अनुरूप यात्री सुविधाएं नदारद हैं। जबकि यह स्टेशन हर साल विभाग को करोड़ों रुपए राजस्व देता है। इसे बी श्रेणी का दर्जा प्राप्त है। लेकिन यात्रियों को यहां समस्याओं से जूझना पड़ता है। ज्ञात हो कि जांच दौरान क्यूसीआईकी टीम ने भभुआ रोड स्टेशन के प्लेटफॉर्मों पर कोच इंडिकेटर नहीं होने पर सवाल खड़ा किया था।इसके अभाव में रेल यात्रियों को पूरे प्लेटफॉर्म की दौड़ लगानी पड़ती है।इस दौरान यात्रियों को ट्रेन छूटने की चिता बनी रहती है। भागदौड़ के दौरान दुर्घटना का खतरा बना रहता है। स्टेशन पर कोच इंडिकेटर डिस्प्ले लगाने की लंबे समय से मांग हो रही है।


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