Bhabhua: जिले में माडल स्कूल का कांसेप्ट फेल, कई भवन तक जर्जर, इन कारणों से पठन-पाठन शुरू नहीं
जिले के मोहनियां प्रखंड के मुठानी के पास माडल स्कूल बना है। स्कूल का निर्माण उच्च विद्यालय चौरसिया मोहनियां के पास होना था। लेकिन यहां निर्माण नहीं हो सका। उदासी देवी उच्च विद्यालय अखलासपुर में निर्मित होने वाले माडल स्कूल का निर्माण कुछ समस्या के चलते रतवार में कराया गया।
जागरण संवाददाता, भभुआ: जिले में शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से माडल स्कूल का कांसेप्ट लाया गया। लेकिन यह कांसेप्ट जिले में फेल है। इस कांसेप्ट के पहले चरण के अंतर्गत जिले में प्रयास अच्छा हुआ। तीन प्रखंडों में माडल स्कूल का भवन बन कर तैयार हो गया। लेकिन इसके बाद यह कांसेप्ट फेल हो गया। इसमें अब तक ताला लटका हुआ है। आज तक इसमें संसाधन उपलब्ध नहीं कराए गए और न ही शिक्षकों की ही नियुक्ति हो सकी। इसके चलते यहां पठन-पाठन भी शुरू नहीं हो सका।
इन कारणों से संचालन नहीं हुआ शुरू
बता दें कि जिले के मोहनियां प्रखंड के मुठानी के पास माडल स्कूल बना है। इस स्कूल का निर्माण उच्च विद्यालय चौरसिया मोहनियां के पास होना था। लेकिन कुछ समस्या के चलते यहां निर्माण नहीं हो सका। जबकि उदासी देवी उच्च विद्यालय अखलासपुर में निर्मित होने वाले माडल स्कूल का निर्माण कुछ समस्या के चलते रतवार में कराया गया। इसके अलावा दुर्गावती के कर्णपुरा में विद्यालय परिसर में ही माडल स्कूल बना। इन स्कूलों के भवन का निर्माण राज्य शैक्षणिक आधारभूत संरचना निगम लिमिटेड की ओर से कराया गया। इसके बाद भवन को विभाग को हैंड ओवर भी कर दिया गया। लेकिन अब तक पठन-पाठन शुरू नहीं कराया गया। जबकि इन स्कूलों में नजदीकी माध्यमिक, उच्च माध्यमिक विद्यालय को शिफ्ट करा कर वर्ग संचालन कराना है।
भवन का हाल भी काफी जर्जर
सबसे बड़ी समस्या है कि रतवार व मुठानी के पास बने माडल स्कूलों के भवन का हाल काफी जर्जर होने लगा है। देखरेख के अभाव में भवन में लगे शीशे टूट गए हैं। दरवाजा भी उखड़ने लगा है। परिसर में काफी घास उग गई है। रास्ते से आने-जाने वाले लोग स्कूल का भवन देख कहते हैं कि सरकार की काफी राशि इस पर खर्च हुई होगी। लेकिन इसका उपयोग जिस उद्देश्य से कराया गया वह पूरा नहीं हुआ।
वर्ग संचालन कराने को होगा भरपूर प्रयास
ज़िले के डीईओ सुमन कुमार इस बाबत बताते हैं कि जिले में बनाए गए माडल स्कूलों में वर्ग संचालन कराने का प्रयास किया जा रहा है। जो कमी है उसे पूरा कराने के लिए विभाग को पत्र लिखा जाएगा।