प्रशासन के कड़े रुख से अतिक्रमणकारियों में हड़कंप
प्रखंड के 43 उन तालाबों व पोखर से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई में प्रशासन जुट गया है जो वर्षों पुराने व ऐतिहासिक जलस्रोत के रूप में जाने जाते हैं।
प्रखंड के 43 उन तालाबों व पोखर से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई में प्रशासन जुट गया है जो वर्षों पुराने व ऐतिहासिक जलस्रोत के रूप में जाने जाते हैं। जल जीवन हरियाली मिशन के तहत शुरू किए गए जलस्रोतों को खोजने की मुहिम धीरे-धीरे साकार होते दिख रही है। स्थानीय प्रशासन द्वारा अतिक्रमकित 43 तालाबों को चिह्नित कर उन पर अतिक्रमणवाद चलाया गया है। इसकी सूचना होते ही अतिक्रमणकारियों में हड़कंप मच गया है। अतिक्रमणकारी अंचल कार्यालय से जिन-जिन तालाबों पर अतिक्रमणवाद चलाया गया है उनके बारे में जानकारी प्राप्त करने में जुटे हैं।
मिली जानकारी के अनुसार, मसाढ़ी पंचायत में बैजनाथ, भतौनी, गोगाढ़ी, भतौनी, बैजनाथ, देवहलियां पंचायत में छत्रपुरा, भड़हेरिया, देवहलियां, भड़हेरिया, देवहलियां, सहुका पंचायत में डहरक, महुअर पंचायत में महुअर में तीन, पचगांई, जंगलछेरा, जन्दहां, तरोइयां, नोनार पंचायत में नोनार, छेवरी बड़ौरा पंचायत में बड़ौरा, बंदीपुर पंचायत में अभैदे में दो व अंकोढ़ी में चार, सिसौड़ा पंचायत में सिसौड़ा में दो, सेनीसराय व किशुनपुरा में एक, सदुल्लहपुर डरवन पंचायत में डरवन में दो तथा एक यदुनन्दन पट्टी, अहिवास पंचायत में महुआरी में तीन, अहिवास, धनवतियां, आशापुरा, उपरी व सिकठा, सिझुआं पंचायत में सिझुआं में तीन रामगढ़ पंचायत में गोड़सरा व रामगढ़ में एक-एक तालाब शामिल हैं। जबकि नरहन जमुरना पंचायत में पोखर नहीं है। बता दें कि उक्त तालाबों पर कई ग्रामीणों द्वारा अतिक्रमण कर मकान बना लिए गए हैं। कुछ तालाबों को मिट्टी भर कर धीरे-धीरे पाटा जा रहा है। जल जीवन हरियाली के तहत प्रशासन द्वारा उक्त तालाबों के खाता व प्लाट नंबर को भी चिह्नित कर लिया गया है। खाता व प्लाट नंबर से अतिक्रमणकारियों को आगाह भी किया गया है कि अतिक्रमण दिए गए समय के अंदर हटा लें। नहीं हटाने पर प्रशासन द्वारा अतिक्रमण हटवाया जाएगा।
क्या कहते हैं सीओ -
अतिक्रमणवाद की कार्रवाई के बाद संबंधित लोगों को नोटिस भेजी जाएगी। इसके बाद भी अतिक्रमण नहीं हटाते हैं तो उन पर प्राथमिकी दर्ज कर बलपूर्वक अतिक्रमण हटाया जाएगा।
- हेमेंद्र कुमार, सीओ