बाढ़ के कहर से उब गए आंटडीह के ग्रामीण
कैमूर। एक दिन दो दिन किसी परिस्थिति का सामना करना पड़े तो इंसान सामना कर लेता है, लेकिन वह
कैमूर। एक दिन दो दिन किसी परिस्थिति का सामना करना पड़े तो इंसान सामना कर लेता है, लेकिन वही परिस्थिति जब लगातार कुछ दिनों तक परेशान करती है तो मुश्किल हो जाती है। ऐसा हीं इन दिनों रामगढ़ प्रखंड के आंटडीह गांव के ग्रामीणों के साथ देखने को मिल रहा है। करीब डेढ़ सौ घरों के पुरुष, महिलाएं, बच्चे- बच्चियां, बूढ़े, जवान, अपने-अपने घर को छोड़ स्कूल भवन व परिसर में शरण लिए हुए हैं। कारण बाढ़ का कहर। आंटडीह गांव में सोमवार को छठवें दिन बाढ़ का पानी गांव के एक-एक गली में कब्जा किए हुए हैं। आंटडीह गांव के पास ही कर्मनाशा और दुर्गावती नदी मिलती है। दोनों नदियों का जल स्तर बढ़ने से आंटडीह गांव बाढ़ की चपेट में आ गया है। बाढ़ का कहर भी ऐसा की गांव की गलियों में सीने तक पानी चल रहा है। ऐसे में घरों में भी पानी भरा हुआ है। गांव के लोग अपने परिवार के लोगों व मवेशियों को लेकर स्कूल परिसर में ठहरे हुए हैं। स्कूल परिसर में लगभग दो सौ की संख्या में मवेशी बांधे हुए हैं। गांव में जिनके मकान ईट के हैं वे अपने मकान के छत पर ठहरे हुए हैं। बस यही कहा जा सकता है कि उक्त गांव के प्रत्येक घर जो जहां है बस उसकी जिंदगी वहीं ठहरी हुई है। इस गांव में आने जाने का साहस फिलहाल कोई नहीं कर सकता। नाव का सहारा लेकर गांव की महिलाएं अपने बच्चों को लेकर सुरक्षित स्थान पर जा रही है। सबसे परेशानी शौच आदि नित्य क्रिया करने में हो रही । ग्रामीण चाहे महिला या पुरूष को शौच के लिए स्थान नहीं मिल रहा है। इससे जहां तहां शौच करने से बीमारी के फैलने की आशंका बनी हुई है। लगातार छह दिन तक बाढ़ की चपेट में रहने से खाने-पीने की सामग्री की परेशानी भी हो रही है। लेकिन जिला प्रशासन अपने स्तर से सुविधा उपलब्ध कराने में जुट गया है। फिलहाल कई जन प्रतिनिधि भी गांव में पहुंच कर सहयोग करने की बात कह रहे हैं।