डरवन विद्यालय के 11 में सात शिक्षक सीएल लेकर हैं गायब
कभी रामगढ़ क्षेत्र के डरवन गांव को मिनी राजधानी तक की उपाधि मिली थी। जहां शिक्षक व छात्रों के अनुपात का मामला रहा हो या पढ़ाई का इसमें डरवन की जिले में एक अलग पहचान होती थी। यही कारण था डरवन गांव में 14 एमबीबीएस डॉक्टर पैदा हुए। जिसमें 4 महिला भी इस श्रेणी में आकर अपना परचम लहरा रही हैं। ये सभी डॉक्टर इसी विद्यालय से प्रारंभिक शिक्षा भी ग्रहण किए हैं।
कभी रामगढ़ क्षेत्र के डरवन गांव को मिनी राजधानी तक की उपाधि मिली थी। जहां शिक्षक व छात्रों के अनुपात का मामला रहा हो या पढ़ाई का इसमें डरवन की जिले में एक अलग पहचान होती थी। यही कारण था डरवन गांव में 14 एमबीबीएस डॉक्टर पैदा हुए। जिसमें 4 महिला भी इस श्रेणी में आकर अपना परचम लहरा रही हैं। ये सभी डॉक्टर इसी विद्यालय से प्रारंभिक शिक्षा भी ग्रहण किए हैं। लेकिन बदलते हुए परिवेश में इस डरवन विद्यालय से सब कुछ छीन गया। अब यह विद्यालय अनाथालय का स्वरूप धारण करता दिख रहा है। रामगढ़ प्रखंड मुख्यालय के पूर्वी इलाके का यह गांव डरवन इन दिनों अपने दुर्दशा का रोना रो रहा है। यहां नाम के लिए तो 11 शिक्षक की पो¨स्टग है। जिसमें एक एचएम भी हैं, लेकिन 7 दिनों से इस विद्यालय में 7 शिक्षक सीएल लेकर गायब हैं। एचएम सहित चार शिक्षक ही यहां वर्तमान समय में कार्यरत हैं। जबकि पठन पाठन के ²ष्टिकोण से एक साथ इतने शिक्षकों को सीएल नहीं दिया जा सकता। फिर भी न जाने एचएम ने कैसे स्वीकृति दी। यह तो अभी सीएल लेकर छुट्टी के बहाने विद्यालय से बाहर शिक्षकों की रहने की बात सामने आई है। इसके पहले भी कई बार अधिकारियों की जांच में इस विद्यालय की कलई खुली थी। बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हो सकी।
एमडीएम से लेकर पठन पाठन तक इस विद्यालय में चौपट हो गया है। मजे की बात तो यह है कि रामगढ़ प्रखंड के सभी विद्यालयों के अनुश्रवण के लिए बीईओ समेत 11 लोगों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। लेकिन इन लोगों को भी इस विषय की जानकारी तक नहीं हैं। ऐसे में इन विद्यालयों के बच्चों के भविष्य की हालत क्या होगी यह एक सोचनीय विषय है। गांव के बिपिन ¨सह, रणजीत ¨सह, अजय उपाध्याय सहित कई लोगों ने कहा कि इस विद्यालय की स्थिति बहुत ही खराब है। अधिकारी से लेकर प्रतिनिधि तक भी इस विद्यालय की बदहाल स्थिति से अवगत हैं। फिर भी न जाने क्यों इस विद्यालय की स्थिति नहीं सुधर सकी। डरवन सीआरसी के सीआरसीसी जय¨वद ¨सह ने कहा कि एचएम के विवेक पर सीएल देना निर्भर करता है, लेकिन विद्यालय के पठन पाठन को बाधित नहीं किया जा सकता। लेकिन ऐसा यहां के एचएम द्वारा किया गया है। ऐसा नहीं होना चाहिए। पढ़ाई पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। इस बावत जब बीईओ सत्यनारायण साह से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि हमें डरवन के एचएम द्वारा ऐसी कोई जानकारी नहीं दी गई है। एक साथ सात शिक्षकों को कैसे सीएल दिए यह गड़बड़ बात है। क्या कहते हैं बीडीओ
बीडीओ जनार्दन तिवारी ने कहा कि डरवन विद्यालय की शिकायत हमें भी मिली है। एक साथ 7 शिक्षकों को एचएम ने सीएल दिया है तो जांच के बाद उनसे जवाब-तलब किया जाएगा।