जिले में अब तक 3,23,757 पशुओं का हुआ ईयर टैगिग
जिले में पशुपालकों के गाय भैंस आदि पशुओं को टैग करने का लक्ष्य रखा गया है।
कैमूर। जिले में पशुपालकों के गाय भैंस आदि पशुओं को टैग करने का लक्ष्य रखा गया है। कैमूर जिले में चार लाख 86 हजार पशुओं को ईयर टैगिग करना है। जबकि लक्ष्य के अनुरूप में अब तक कुल 3 लाख 23 हजार 757 पशुओं को ही टैग किया जा चुका है। जबकि अभी पशुओं को टैगिग करने का काम चल रहा है। जब तक जिला में लक्ष्य को पूरा नहीं कर लिया जाता तब तक पशुओं के टैग करने का काम चलता रहेगा। जिले के सभी प्रखंडों में पशुपालन विभाग के कर्मियों तथा निजी लोगों को भी पशुपालन विभाग से जोड़कर पशुओं के ईयर टैगिग का काम कराया जा रहा है। जबकि दैनिक प्रतिवेदन की रिपोर्ट हर दिन विभाग को भेजा जाता है। गाय, भैंस, बकरी, भेड़ आदि के पशुओं को टैगिग किया जा रहा है। टैग नहीं कराने पर विभागीय लाभ से भी वंचित रहना पड़ सकता है। लेकिन कई जगहों पर पशुपालक अपने पशुओं को टैग नहीं करा रहे है। जिससे लक्ष्य पूरा नहीं हो पा रहा है। लोग तरह तरह के भावना रखते है। 2025 में खोरहा को मुक्त करने का सपना -
देश को खोरहा मुक्त करने का सपना 2025 में रखा गया है। जिस प्रकार देश में पोलियों को मुक्त करने का काम हुआ। ठीक उसी प्रकार खोरहा रोग को भी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। जिन पशुओं को टैग कर दिया जाएगा उनको खोरहा आदि का टीका लगाया जाएगा। जिससे कि खोरहा के रोग को देश से मिटाया जा सके। इसके अलावा पशुओं में लंगड़ी बुखार, गला घोंटू, खोरहा मुहंपका, लीवर में बुखार सहित कई रोग होते है। टैग कराने के बाद ही हो सकेगा बीमा-
पशुओं के बीमा कराने का काम भी तभी होगा। जब पशुओं का ईयर टैगिग होगा। आने वाले दिनों में ईयर टैगिग के होने के बाद ही पशुओं की खरीद बिक्री भी हो सकेगी। टैग हुए पशुओं को ही टीकाकरण के अभियान के तहत टीका लगेगा। टैग पशुओं को ही पशुपालन विभाग की ओर से दवा आदि मिलेगा। बिना टैग कराए किसी प्रकार का लाभ नहीं मिल पाएगा। पशुओं को खोजने में भी आसानी-
ईयर टैगिग होने से पशु को खोजने में भी पशुपालकों को आसानी होगी। दरअसल पशुओं के कान में 12 नंबर का एक युनिक कार्ड उसके कान पर स्टेपलर किया जा जाता है। जिससे मनुष्य के तरह की एक यूनिक आईडी होती है। जिसके आधार पर पशुओं रजिस्ट्रर्ड होते है। पशुपालकों को 12 नंबर का कार्ड का नंबर कागजात पर लिखकर उनके नाम से एक कार्ड बनाया जाता है । दरअसल ईयर टैगिग को लेकर क्षेत्र में कई जगहों पर अफवाह फैलाया जा रहा है। जो बिल्कुल ही गलत है। वर्जन
जिला में अब तक 3,23,757 पशुओं को ईयर टैगिग किया जा चुका है। पशुपालक कोई भ्रम में ना पड़े। अपने पशुओं को टैग कराएं। टैग पशु को ही किसी प्रकार का टीकाकरण आदि होगा।
-अरविद कुमार सिंहा,
जिला पशुपालन पदाधिकारी