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ग्रीमीण अस्पतालों में मरीजों को नहीं मिलती है सभी दवाएं

कैमूर। सरकार राज्य के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। इस

By JagranEdited By: Published: Tue, 12 Dec 2017 05:25 PM (IST)Updated: Wed, 13 Dec 2017 03:31 PM (IST)
ग्रीमीण अस्पतालों में मरीजों को नहीं मिलती है सभी दवाएं
ग्रीमीण अस्पतालों में मरीजों को नहीं मिलती है सभी दवाएं

कैमूर। सरकार राज्य के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। इसके बावजूद अस्पतालों में लोगों को दवाएं नहीं मिल पा रही है। ग्रामीण अस्पतालों में मात्र 23 प्रकार की दवाएं आउट डोर में मरीजों को दी जा रही हैं। परंतु जिले के अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य उप केंद्रों पर सभी प्रकार की दवाएं मरीजों को नहीं मिलने की बात सामने आती है। इससे ग्रामीण विवश होकर दवाएं बाहर से खरीदने को मजबूर है।

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मिली जानकारी के अनुसार जिले के विभिन्न प्रखंडों में सरकार द्वारा 197 स्वास्थ्य उप केंद्र खोले गए है। लेकिन सभी उप स्वास्थ्य केंद्रों पर ग्रामीण मरीजों को सरकार के माध्यम से उपलब्ध कराई जाने वाली कई योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। इससे ग्रामीणों को बेहतर इलाज कराने के लिए जिला मुख्यालय के सरकारी अस्पताल व निजी चिकित्सकों के सहारे इलाज कराने को मजबूर होना पड़ रहा है। ग्रामीण अस्पतालों में सभी दवाओं के नहीं मिलने से सबसे ज्यादा परेशानी गरीब मरीजों को उठानी पड़ती है। मिली जानकारी के तहत 137 केंद्रों पर एएनएमआर हैं। जबकि 60 केद्रों पर एएनएमआर की पो¨स्टग प्रक्रिया में है। अभी जिले के 55 उप स्वास्थ्य केंद्रों को अपना भवन नसीब नहीं हो सका है। वहीं 15 स्वास्थ्य उप केंद्र किराए के भवन में चल रहे है। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक उप केंद्रों पर एएनएमआर के द्वारा महिलाओं व बच्चों को टीकाकरण करने के साथ महिलाओं को दी जाने वाली आयरन की गोली अन्य सुविधाओं को उपलब्ध कराने जिम्मेदारी है।

क्या कहते सिविल सर्जन

इस संबंध में पूछे जाने पर प्रभारी सीएस डॉ. नन्देश्वर प्रसाद ने कहा कि ग्रामीण अस्पतालों में मरीजों को आवश्यक दवाओं को उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके अलावा सभी स्वास्थ्य उप केंद्रों पर एएनएमआर के द्वारा बच्चों व महिलाओं को दिए जाने वाले टीकाकरण निर्धारित समय पर दिया जा रहा है। सिविल सर्जन ने कहां ग्रामीण अस्पतालों में रोस्टर के अनुसार आयुष चिकित्सकों को ड्यूटी दी गई है। जिसके अनुसार चिकित्सक अस्पताल जाते हैं। उन्होंने आउट डोर में दी जाने वाली दवाओं के बारे में कहा कि आवश्यक दवाएं मरीजों को दी जा रही है।


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