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जल संकट को ले ¨चतित हुए पूर्व कृषि मंत्री

जमुई। पूर्व कृषि मंत्री जिले में सूखे से उत्पन्न हालात और जल संकट की भयावह स्थिति को लेकर ¨चतित हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 15 Nov 2018 07:30 PM (IST)Updated: Thu, 15 Nov 2018 07:30 PM (IST)
जल संकट को ले ¨चतित हुए पूर्व कृषि मंत्री
जल संकट को ले ¨चतित हुए पूर्व कृषि मंत्री

जमुई। पूर्व कृषि मंत्री जिले में सूखे से उत्पन्न हालात और जल संकट की भयावह स्थिति को लेकर ¨चतित हैं। गुरुवार को परिसदन में बैठ सहयोगियों के साथ पूर्व मंत्री नरेन्द्र ¨सह ने जल संकट से निपटने की रणनीति को लेकर विचार-विमर्श किया। वहीं पूर्व मंत्री ने जिलाधिकारी धर्मेन्द्र कुमार से मोबाइल पर बात कर जल संकट की समस्या से निपटने के मुद्दे पर भी मशवरा किया। बातचीत के दौरान नरेन्द्र ¨सह ने देश में जल पुरुष कहे जाने वाले अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित राजेन्द्र ¨सह के अनुभव का लाभ लेने पर भी चर्चा की। पूर्व मंत्री ने कहा कि इसको लेकर उनकी बात जल पुरुष राजेन्द्र ¨सह से भी हुई है और उन्होंने जमुई आकर जल संकट से निपटने की तरकीब पर मंथन कर उसे अंजाम देने की रणनीति पर विचार-विमर्श की हामी भी भर दी है। यहां बताना आवश्यक है कि जमुई में फिलवक्त पानी की समस्या विकराल रुप लेती जा रही है। पहली बार ऐसा हुआ कि छठ के मौके पर ही किउल नदी में सूखा पड़ गया और पानी के लिए जिला प्रशासन के साथ-साथ आम लोगों को जद्दोजहद करनी पड़ी। इन सब चीजों को लेकर पूर्व कृषि मंत्री खासे ¨चतित दिखे। उन्होंने जल संग्रह की योजना पर योजनाबद्ध तरीके से काम करने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि जल संचयन के लिए अनेकों योजनाएं चल रही है सिर्फ उसे चैनलाइज करने की जरुरत है। हालांकि पूर्व मंत्री इन बातों की जानकारी फिलहाल मीडिया में देने से कन्नी काटते रहे। उन्होंने जमुई एवं प्रदेश के ताजा राजनीतिक घटनाक्रम पर भी लाख कुरेदने के बाद भी कुछ भी कहने से मना कर दिया।

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मच्छर से परेशान हुए पूर्व मंत्री

जमुई नगर परिषद क्षेत्रवासी तो हर दिन मच्छर के प्रकोप से परेशान होते ही हैं अब वीआइपी इलाके में भी मच्छरों का आतंक बढ़ गया है। शहरी क्षेत्र में मच्छरों का प्रकोप कम अथवा समाप्त करने के लिए समय-समय पर डीडीटी का छिड़काव करने का प्रावधान है और इसकी जिम्मेवारी नगर परिषद के जिम्मे होती है। छिड़काव होता है या नहीं यह तो अच्छी तरह से नगरवासी ही बता सकते हैं लेकिन वीआईपी इलाके में डीडीटी का छिड़काव अक्सरहां किया जाता था। जिसका लाभ भी मिलता था कि उन इलाकों में मच्छरों का दंश लोगों को कम झेलना पड़ता था। अब तो हद हो गई। जमुई परिसदन वीआईपी लोगों के ठहरने का प्रमुख स्थान है। यहां भी मच्छरों का दंश आने वाले वीआईपी झेलने को विवश हैं। ऐसे ही लोगों में गुरुवार को पूर्व कृषि मंत्री नरेन्द्र ¨सह एवं पूर्व मंत्री विजय प्रकाश का नाम शामिल है। जो कि मच्छर के प्रकोप से काफी परेशान दिखे।


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