न्यूनतम स्तर पर पहुंचा गरही जलाशय का जल प्रवाह
संवाद सहयोगी जमुई प्रदेश के बड़े जलाशयों में शुमार अपर किऊल जलाशय परियोजना का जल प्रवाह न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया है। इसके पीछे परियोजना के कैचमेंट एरिया में जुलाई के बाद अगस्त में भी पर्याप्त वर्षा नहीं होना मुख्य कारण है। जलाशय का जलस्तर भी अब एक फीट से नीचे सरक गया है।
फोटो- 13 जमुई- 6,7
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- कैचमेंट एरिया में पर्याप्त वर्षा नहीं होने से हुई ऐसी स्थिति
- सिचित की श्रेणी में आने वाले भू-भाग पर भी मंडराने लगा सूखे का बादल
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- 0.40 फीट पानी जलाशय में बच गया शेष
- 518.40 फीट शनिवार को दर्ज किया गया जलस्तर
- 30 क्यूसेक पानी नहर में हो रहा डिस्चार्ज
- 768 क्यूसेक पानी है नहर की क्षमता
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संवाद सहयोगी, जमुई : प्रदेश के बड़े जलाशयों में शुमार अपर किऊल जलाशय परियोजना का जल प्रवाह न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया है। इसके पीछे परियोजना के कैचमेंट एरिया में जुलाई के बाद अगस्त में भी पर्याप्त वर्षा नहीं होना मुख्य कारण है। जलाशय का जलस्तर भी अब एक फीट से नीचे सरक गया है।
शनिवार को गरही जलाशय में जलस्तर 518.40 फीट दर्ज किया गया है जो कि डेथ स्टोरेज लेवल 518 फीट से महज 0.40 फीट अधिक है। शुक्रवार को यह आंकड़ा 0.70 था। परिणामस्वरूप नहर में जल प्रवाह सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है। अब यहां से महज 30 क्यूसेक पानी नहर में छोड़े जा रहे हैं। हालांकि, जलाशय से पानी छोड़े जाने की स्थिति पिछले कई दिनों से ऐसी ही है। अपर किऊल जलाशय परियोजना का डिजाइन डिस्चार्ज 768 क्यूसेक है, अर्थात नहर की क्षमता के विरुद्ध मात्र चार फीसद पानी नहर में प्रवाहित हो रहे हैं। नतीजतन, सिचित की श्रेणी में आने वाले भू-भाग पर भी सुखाड़ के काले बादल मंडराने लगे हैं। रोपनी की बात करें तो नहर के कमांड एरिया में आच्छादन का दर जिले के सामान्य आच्छादन दर से दो गुना है, लेकिन अब उन फसलों को बचाने की किसानों के समक्ष बड़ी चुनौती होगी।
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प्रखंड वार धान की रोपनी की स्थिति प्रखंड - लक्ष्य - रोपनी (प्रतिशत में)
अलीगंज - 4300 - 3.01
बरहट - 4800 - 4.11
चकाई - 7800 - 5.73
गिद्धौर - 5300 - 3.87
जमुई - 8687 - 23.87
झाझा - 6800 - 5.00
खैरा - 7800 - 16.71
लक्ष्मीपुर - 5800 - 4.03
सिकंदरा- 5800 - 9.03
सोनो- 6800 - 2.51 --------
कोट
गरही जलाशय का जलस्तर शनिवार को 518.40 दर्ज किया गया है जो कि डेथ स्टोरेज लेवल से 0.40 फीट अधिक है। नहर में जल प्रवाह 30 क्यूसेक है।
हरीश कुमार, अधीक्षण अभियंता, सिचाई अंचल, जमुई
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कोट
जिले में 8.67 प्रतिशत धान की फसल का आच्छादन हुआ है। कुल फसलों के आच्छादन का प्रतिशत 17.71 है। नहरी क्षेत्र में रोपनी का प्रतिशत थोड़ा ज्यादा है, लेकिन अब उन इलाकों में भी धान की फसल सूखने लगी है।
अविनाश चंद्र, जिला कृषि पदाधिकारी, जमुई