थाना बन जाने से भयमुक्त रहेंगे तीर्थयात्री
जमुई। भगवान महावीर की तीन कल्याणकों की पावन भूमि क्षत्रियकुंड लछुआड़ में अपने भगवान प्रभु के दर्शन-पू
जमुई। भगवान महावीर की तीन कल्याणकों की पावन भूमि क्षत्रियकुंड लछुआड़ में अपने भगवान प्रभु के दर्शन-पूजन को लेकर आने वाले जैन तीर्थ यात्री अब भयमुक्त होकर शांत वातावरण में भगवान का दर्शन-पूजन कर सकेंगे। अब उन्हें न तो नक्सलियों का भय सताएगा और न ही अपराधियों का। यात्रियों की सुविधा के साथ नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था और चाक-चाबंद करने के लिए भगवान महावीर की अहिसा की पावन नगरी क्षत्रियकुंड लछुआड़ में नया थाना बनकर तैयार हो चुका है। बुद्धिजीवियों की मानें तो सिकंदरा थाना क्षेत्र में पड़ने वाले पुलिस थाने का क्षेत्रफल जंगली होने के कारण पुलिस को पीड़ितों तक पहुंचने में काफी परेशानी होती है। इसके चलते कभी-कभी उन तक समय से पहुंच पाने में पुलिस असफल रह जाती है। इसको देखते हुए यहां थाना निर्माण की नींव रखी गई थी। जिससे यहां पर्याप्त मात्रा में फोर्स के साथ संसाधन भी उपलब्ध होंगे और पुलिस पीड़ितों तक जल्द पहुंचेगी। यह क्षेत्र पूर्णत: जंगली है। एक ओर सिकंदरा थाना तो दूसरी ओर 20 किलोमीटर में चंद्रदीप थाना अवस्थित है। जिससे लोगों को कोई फायदा नहीं हो पाता है। भगवान महावीर स्वामी की जन्मकल्याणक भूमि (जन्मस्थान) जंगलों के बीच में स्थित है। यहां आने वाले लोग भगवान महावीर की च्यवन व दीक्षा कल्याणक मंदिर का दर्शन-पूजन कर लछुआड़ के रास्ते ही सात पहाड़ों को पार कर जन्मस्थान के लिए रवाना होते हैं। तीर्थ यात्रियों की सुरक्षा को लेकर हमेशा से यहां पर थाना निर्माण के साथ पुलिस कर्मियों की तैनाती किए जाने की मांग की जाती रही है।
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थाना बनने से अपराध व अपराधियों से मिलेगी मुक्ति
क्षत्रियकुंड नगरी लछुआड़ में थाना बनाना आवश्यक था। 2010 से 2015 तक तो लछुआड़ से भगवान महावीर की जन्मकल्याणक भूमि अर्थात जन्मस्थान के लिए प्रत्येक वर्ष हजारों की संख्या में भगवान महावीर के दर्शन-पूजन को लेकर जाने वाले तीर्थयात्रियों से अपराधियों ने कई बार मारपीट कर लूट की घटना को अंजाम दिया करते थे। धीरे-धीरे तीर्थयात्रियों का आवागमन कमोवेश कमता चला गया। दूसरी घटना 17 फरवरी 2010 को फुलवरिया कोड़ासी गांव में नक्सलियों द्वारा एक दर्जन के करीब लोगों को मौत के घाट उतारने के बाद कई घरों को डायनामाइट व आग के हवाले कर दिया गया था।
इससे पूर्व 2003 में काली पूजा के दौरान नक्सलियों ने पुलिसकर्मियों पर हमला कर पुलिस राइफल लूट लिया था। इस घटना में पुलिस के तीन जवान गोलीबारी में घायल हुए थे। इस कारण तीर्थयात्रियों के अलावा स्थानीय लोगों में भय का माहौल बना रहता था। हालांकि फुलवरिया कोड़ासी में एसएसबी कैंप बनने व जन्मस्थान में पुलिस चौकी के निर्माण के साथ एसएसबी कैंप बनने से नक्सलियों व अपराधियों के खौफ से लोगों को छुटकारा मिला है। बहरहाल लछुआड़ में थाना का निर्माण हो जाने से स्थानीय लोगों को अपराध व अपराधियों से मुक्ति मिल जाएगी।
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निर्माण के बाद उद्घाटन की बाट जोह रहा है थाना भवन
लछुआड़ में छह महीना पूर्व थाना का भवन बनकर तैयार है। निर्माण प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद भी थाना भवन उद्घाटन की बाट जोह रहा है। अभी तक इस थाने में किसी पुलिसकर्मी के साथ पुलिस पदाधिकारी की नियुक्ति नहीं की गई है। थाना भवन पुलिस कर्मियों की राह निहार रहा है कि कब इस थाने में पुलिस कर्मी से लेकर अधिकारियों की नियुक्ति होगी।
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कोट
सरकार की सोच है कि पुलिस गांव-गांव तक पहुंचे और भयमुक्त होकर पुलिस-पब्लिक मैत्री को कायम रखें। इसे लेकर थाना का निर्माण किया गया है। जल्द ही पुलिसकर्मी के साथ पुलिस अधिकारी की तैनाती कर दी जाएगी। अब तीर्थ यात्रियों के साथ वहां के ग्रामीण सुरक्षित महसूस करेंगे।
प्रमोद कुमार मंडल, एसपी, जमुई