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मंजिल की ओर अग्रसर लौह अयस्क की तलाश

अरविद कुमार सिंह जमुई सब कुछ ठीक रहा तो जिले में लौह अयस्क की तलाश को जल्द ही मंजिल मिल जाएगी। फिलहाल इसको लेकर जियोलाजिकल सर्वे आफ इंडिया के अधिकारी कुछ भी बताने से परहेज कर रहे हैं लेकिन सैंपल इकट्ठा करने से लेकर इन्हें प्रयोगशाला तक पहुंचाए जाने की गति तेज होना सकारात्मक संदेश दे रहा है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 19 May 2022 07:16 PM (IST)Updated: Thu, 19 May 2022 07:16 PM (IST)
मंजिल की ओर अग्रसर लौह अयस्क की तलाश
मंजिल की ओर अग्रसर लौह अयस्क की तलाश

फोटो- 19 जमुई- 32,35

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- जीएसआइ की तीन टीम कर रही भू-छेदन कर नमूना एकत्र

- भट्टा और खेंवसर गांव में भी लिया गया सैंपल

- 8 से 10 किलोमीटर के दायरे में मिल रही लौह अयस्क की मात्रा

- जमुई और सिकंदरा प्रखंड के अन्य गांव में भी नमूना एकत्र करने की है योजना

- 2003 में पहली बार लौह अयस्क की दिखी थी संभावना

अरविद कुमार सिंह, जमुई : सब कुछ ठीक रहा तो जिले में लौह अयस्क की तलाश को जल्द ही मंजिल मिल जाएगी। फिलहाल इसको लेकर जियोलाजिकल सर्वे आफ इंडिया के अधिकारी कुछ भी बताने से परहेज कर रहे हैं, लेकिन सैंपल इकट्ठा करने से लेकर इन्हें प्रयोगशाला तक पहुंचाए जाने की गति तेज होना सकारात्मक संदेश दे रहा है।

इन दिनों मंजोष की पहाड़ी से अलग हटकर आसपास के गांव में भी भू - छेदन कर सैंपल इकट्ठा करने की गति तेज हुई है। पहले यहां सिर्फ एक टीम के निर्देशन में भूत छेदन का कार्य चल रहा था। अब तीन-तीन टीम लगी है। बताया जाता है कि भू-गर्भ में 50 फीट के बाद से 270 फीट तक की गहराई में लगातार लौह अयस्क युक्त पत्थर मिल रहे हैं। फिलहाल जीएसआइ की टीम ने मंजोष की चौहद्दी में पूर्वी भाग के अलावा भट्टा, खेंवसर और गणेश नवादा गांव में भी नमूने इकट्ठा की है। इसके अलावा भी आस-पास के गांव में सैंपल के लिए ड्रिलिग की योजना बताई जाती है। क्षेत्रफल के हिसाब से बात करें तो यह दायरा आठ दस किलोमीटर से ऊपर का हो जाता है। मुखिया भावना सिंह बताती हैं कि उस पंचायत में लोहे की मात्रा की जांच को लेकर पिछले चार वर्षों से ड्रिलिग का कार्य जारी है लेकिन इन दिनों इस कार्य में तेजी आई है। यहां बता दें कि पहली बार मंजोष की पहाड़ी में 2002 में खेल-खेल के दौरान पत्थरों में लौह अयस्क की मात्रा होने की बात सामने आई थी। इसके बाद कई दौर की जांच कर भू-विज्ञानियों ने माना था कि यहां के भू-गर्भ में लौह अयस्क की मात्रा पर्याप्त है। ग्रामीण पूर्व मुखिया विधु शेखर सिंह, पंकज सिंह, जयकांत सिंह, परतोष कुमार, पिटू कुमार सहित अन्य ने बताया कि इधर ड्रिलिग कार्य में तेजी आने से एक बार फिर हम लोगों की उम्मीद बढ़ गई है।

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कोट

जियोलाजिकल सर्वे की टीम द्वारा जमुई में सर्वे जारी है, लेकिन लौह अयस्क की मात्रा सहित अन्य जानकारी दे पाने में वे असमर्थ हैं। इसके लिए विधिवत विभाग के प्रमुख से जानकारी हासिल करनी होगी।

अपराजिता दत्ता, पीआरओ, ईस्टर्न जोन, जीएसआई, कोलकाता


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